बिजली कंपनियों को इलेक्ट्रिक पुलिस फोर्स की जरूरत नहीं

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sadbhawnapaati
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शसन स्तर पर बिजली चोरी रोकने से लेकर बकाया वसूली के लिए हुई थी पहल
Indore News . प्रदेश सरकार की ओर से बिजली कंपनी की बकाया राशि वसूली से ले कर चोरी रोकने के लिए एक इलेक्ट्रिक फोर्स की तैयारी की गई। इस तरह की इलेक्ट्रिक फोर्स के लिए प्रदेश में कार्यरत तीनों बिजली कंपनियों को पत्र के माध्यम से सूचित करने के साथ ही एक प्रस्ताव भी सरकार ने भेज कर इसकी कवायद शुरू की, लेकिन बिजली कंपनी की ओर से इसके लिए ना हो गई है।
अब इस तरह का मामला परीक्षण के साथ ही शासन को फिर से भेजा जा रहा है, जिसमें बिजली कंपनी की ओर से इस तरह पुलिस की दखलअंदाजी को मान्य नहीं किया है। इसमें बिजली चोरी रोकने के लिए अभी तक कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस फोर्स मदद करती रही है, लेकिन शासन द्वारा यह तय किया गया कि पुलिस का अलग से एक दल इलेक्ट्रिक फोर्स बनाया जाए, जिसमें 24 घंटे बिजली कंपनी के अधीन पुलिस रहेगी परंतु कंपनी के सभी विभागों द्वारा और सभी विभागों से जिसमें रेवेन्यू डिपार्टमेंट के साथ ही निर्माण डिपार्टमेंट चोरी रोकने वाले दल से लेकर अन्य विभागों से सलाह मशविरा किया गया तो सभी ने अपनी ओर से ओपिनियन पुलिस के खिलाफ मत दिया है। यह भी कहा गया कि बिजली कंपनी एक तकनीकी विभाग है। यहां पर पुलिस की एंट्री नहीं होना चाहिए और तकनीकी तरीके से भी सही नहीं है, इसलिए अब एक प्रस्ताव फिर से तैयार कर सीएमडी कार्यालय भेज दिया गया है जो शासन को भेजा जा रहा है।

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एक तरफ से कहा जाए तो बिजली कंपनी को अलग से इलेक्ट्रिक फोर्स की जरूरत नहीं है इसलिए विजिलेंस टीम ने भी इसके लिए स्पष्ट किया है। अब शासन स्तर पर जो इलेक्ट्रिक फोर्स के लिए तैयारियां हुई थी उसके लिए बिजली कंपनी की ओर से ना हो गई है। बिजली कंपनी के प्रबंधक संतोष टैगोर ने बताया कि हमने इस मामले में बिजली कंपनी के अधीन सभी विभागों से ओपिनियन लिया था तो कोई विभाग पुलिस की एंट्री से पक्ष में नहीं है। इसलिए हमने परीक्षण के लिए मामला सीएमडी कार्यालय भेज दिया है।

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