मध्यप्रदेश के बिजली कर्मचारी लंबे समय से डीए और वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर हाल ही में उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि 31 अक्टूबर तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो एक नवंबर से सभी बिजली अधिकारी-कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इसके बाद से प्रदेश पर बिजली सेवाएं प्रभावित और दीपावली के समय ब्लैकआउट का डर बना हुआ है.
प्रदेश में बिजली विभाग में 29 हजार नियमित कर्मचारी, 6 हजार संविदा कर्मचारी और 35 हजार आउटसोर्स कर्मचारी हैं. बिजली कर्मचारियों की मांगों का फिलहाल कोई निराकरण नहीं हुआ है, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि आज प्रदेश में कभी भी बत्ती गुल हो सकती है. आज से बिजली कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हो गई है, जिसके बाद अब मध्य प्रदेश की जनता को दीपावली जैसा बड़ा त्यौहार अंधेरे में ना बीते इसका डर सता रहा है.
मांगों का निराकरण नहीं हुआ
बता दें इस बाबत 27 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को एक लेटर भी लिखा गया था, बावजूद इसके समस्या का हल नहीं हुआ. अब बिजली कंपनी प्रबंधन के खिलाफ प्रदेश के 70 हजार विद्युत अधिकारी और कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी बिजली प्रबंधन ने कर्मचारियों को DA और वेतन वृद्धि तक का आदेश नहीं दिया है, जिसे लेकर सभी में गहरी नाराजगी है. बता दें सीएम ने DA बढ़ाने और वेतन वृद्धि का 50% अक्टूबर के वेतन में देने के आदेश दिए हैं, लेकिन इसे लेकर कुछ नहीं किया गया.
क्या हैं मांगे
राज्य सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 8 फीसदी बढ़ाया है, लेकिन विद्युत कंपनियों ने डीए और स्थगित वेतन वृद्धि की बकाया राशि के भुगतान को लेकर अभी तक आदेश जारी नहीं किए. जिसके बाद फोरम लगातार संविदा अधिकारियों, कर्मचारियों की वेतनवृद्धि और डीए लगाने की मांग कर रहा है. इसके साथ ही आउटसोर्स कर्मियों को बोनस देने और उनका अक्टूबर महीने का वेतन भी दीपावली से पहले देने की मांग की गई थी, जो नहीं हुआ. ऐसे में क्या हड़ताल से बिजली सेवाएं प्रभावित होंगी और दीपावली के समय ब्लैकआउट भी हो सकता है?
यह काम प्रभावित होंगे
राजस्व वसूली , नए कनेक्शन , लाइनों का फाल्ट ठीक नहीं हो पाएगा, मेंटेनेंस का काम प्रभावित होगा, ऑफिशियल काम बंद रहेंगे, मीटर रीडिंग प्रभावित रहेगी, बिल वितरण बंद रहेगा.