इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी का खुलासा, जनता को सावधान रहने की चेतावनी

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Indore News in Hindi । इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह के नाम और तस्वीर का दुरुपयोग कर एक फर्जी फेसबुक आईडी बनाए जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह फर्जी अकाउंट 24 मार्च 2025 को बनाया गया है, जिसके पीछे साइबर अपराधियों की शातिर चाल होने की आशंका है।

फर्जी आईडी ( https://www.facebook.com/share/18hQXLVELT/ ) में कलेक्टर आशीष सिंह की आधिकारिक तस्वीर और उनके नाम का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह असली जैसी प्रतीत होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मकसद लोगों को भ्रमित कर आर्थिक ठगी, झूठे वादे या संवेदनशील जानकारी चुराना हो सकता है। हाल के महीनों में देशभर में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं, जहां अपराधी बड़े अधिकारियों के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं।

ठगी के संभावित हथकंडे –

आपातकाल का बहाना : फर्जी आईडी से मैसेज भेजकर किसी कथित संकट के नाम पर तत्काल पैसे मांगे जा सकते हैं।

फर्जी सरकारी योजनाएं: सरकारी लाभ या नौकरी का लालच देकर लोगों को जाल में फंसाने की कोशिश हो सकती है।

डेटा चोरी का खतरा : बैंक खाते या व्यक्तिगत जानकारी मांगकर लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

धमकी या ब्लैकमेलिंग : कलेक्टर के नाम से डर पैदा कर अवैध मांगें पूरी करवाने की साजिश रची जा सकती है।

दैनिक सदभावना पाती द्वारा कलेक्टर महोदय के संज्ञान में मामले को लाया गया  कलेक्टर आशीष सिंह ने खुद इस फर्जीवाड़े की पुष्टि करते हुए कहा, “मेरे नाम और फोटो से बनी यह फेसबुक आईडी पूरी तरह नकली है।

जनता के लिए जरूरी सावधानियां –

संदेशों की जांच करें : कलेक्टर या किसी अधिकारी के नाम से आए मैसेज की सत्यता जांचे बिना कोई कदम न उठाएं।

रिपोर्ट और ब्लॉक करें : फर्जी आईडी को फेसबुक पर रिपोर्ट करें और उसे ब्लॉक कर दें।

पुलिस को सूचित करें : ऐसी किसी भी गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी थाने या साइबर सेल को दें (हेल्पलाइन नंबर : 1930)।

जागरूकता फैलाएं : अपने परिवार और दोस्तों को इस खतरे के बारे में बताएं।

साइबर अपराध का बढ़ता दायरा

यह घटना डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों की गंभीरता को दर्शाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले लोगों को अपनी सतर्कता बढ़ानी होगी। इंदौर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने या अज्ञात स्रोत से आए मैसेज का जवाब देने से बचें।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।