सोन चिरैया अभयारण्य के खिलाफ किसानों ने कराया मुंडन

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sadbhawnapaati
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मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले करैरा सोन चिरैया अभयारण्य क्षेत्र में निवास करने वाले 32 गांवों के किसानों ने प्रदर्शन किया। चिलचिलाती धूप में पैदल मार्च निकाला। एसडीएम दिनेशचंद्र शुक्ला को लिखित ज्ञापन सौंपा, जिसमें रेत माफिया पर सवाल उठाए गए।

किसानों का कहना है कि 1981 में 32 गांव की 202.2 वर्ग किलोमीटर जमीन सोन चिरैया संरक्षित क्षेत्र में घोषित कर दी गई थी। इस कारण वहां निवासरत किसान अपनी जमीन की खरीद-बिक्री नहीं कर सकते। यहां तक कि अपने उपयोग के लिए अपने ही खेत में से मिट्टी तक नहीं उठा सकते। अभयारण्य की आड़ में रेत माफिया के हौंसले बुलंद हैं। प्रतिदिन क्षेत्र से लाखों रुपये की रेत का अवैध उत्खनन नेता और उनके लोग कर रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन की प्रवक्ता कृष्णा देवी रावत ने कहा कि इस क्षेत्र में लगे प्रतिबंध की वजह से कई तरह की समस्याओं का सामना किसान कर रहे हैं। यदि इस क्षेत्र को अभयारण्य से जल्द ही मुक्त नहीं किया गया तो यह आंदोलन और उग्र होगा। ज्ञापन देने वालों में महेंद्र पाठक दिहायला, होतम सिंह रावत, जितेंद्र रावत, गोपाल गुर्जर, देवेंद्र रावत, जवाहर सिंह रावत सहित कई किसान मौजूद थे। ज्ञापन देने के पश्चात कृष्णा देवी रावत, होतम सिंह रावत सहित छह से अधिक किसानों ने तहसील कार्यालय के सामने ही सड़क पर अपना मुंडन कराया।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।