MP News – दिग्विजय सिंह पर FIR, कांग्रेस का पलटवार, FIR के विरोध में सड़कों पर उतरी कांग्रेस

sadbhawnapaati
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Indore / Mp News । अपने बयानों को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेसी दिग्विजय सिंह  को लेकर मध्यप्रदेश की सियासत एक बार फिर गर्माई हुई है।

मुद्दा है दिग्विजय सिंह का सरकार के खिलाफ मुखर विरोध.उन पर हुई FIR…और फिर प्रदेश भर में उसकी प्रतिक्रिया…ये पूरा वाक्या शुरू हुआ…दिग्विजय सिंह पर वाटर केनन के इस्तेमाल और उन पर दर्ज हुई एफआईआर के बाद कांग्रेस के सभी नेता बीजेपी सरकार के खिलाफ हमला बोल रहे हैं।

पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए तो कई जगह बैनर और होर्डिंग लगाकार सरकार का विरोध भी जताया गया, मामला संघ से जुड़ा है इसलिए कांग्रेस इस मामले को जिंदा भी रखना चाहती है, हालांकि सत्ता पक्ष दिग्विजय सिंह के समर्थन के कांग्रेस की एकजुटता पर पर सवाल उठा रही है।

इनके खिलाफ केस दर्ज
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा, कांग्रेस नेता गोविंद गोयल, पूर्व महापौर विभा पटेल समेत संतोष कंषाना, प्रदीप शर्मा, प्रकाश चौकसे के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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क्या है मामला
कांग्रेस गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में आरएसएस की लघु उद्योग भारती को जमीन देने का विरोध कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार पार्क की जमीन को आरएसएस को दे रही है।

जबकि इसका विरोध गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन भी कर रही है। वहीं, मामले में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि उद्योग विभाग ने इंडस्ट्रियल एरिया में खाली पड़ी जमीन लघु उद्योग भारती संस्था को आवंटित की है।

मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर एफआईआर दर्ज होने के विरोध में राज्यपाल के नाम संभाग आयुक्त को ज्ञापन देने पहुंचे प्रदेश कांग्रेस महामंत्री दयाल चौहान ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर प्राण घातक हमले का प्रयास किया गया था। इसी को लेकर हमने सांकेतिक आंदोलन किया है।

यदि हमारी बात नहीं मानी गई तो हम उग्र आंदोलन करेंगे। हम केस लगने से भी नहीं डरेंगे। हम पर प्रदेशभर में झूठे आंदोलन लादे जा रहे हैं। सिंह पर जो हमला हुआ है, उसकी मजिस्ट्रियल या सीबीआई जांच हो।

वे कलेक्टर या मुख्यमंत्री से बात करवाने का कह रहे थे, लेकिन बिना बात करवाए वहां पर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की गई है। उन पर लाठी और पानी बरसाया गया। हम राज्यपाल से मांग है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।

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