मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की बिगड़ती स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने एस्मा (Essential Services Maintenance Act- ESMA) लागू करने का फैसला किया है. एस्मा स्वास्थ्य समेत कुल 10 सेवाओं पर लागू किया गया है, जो 3 महीने के लिए प्रभावी रहेगा. खास बात यह है कि एस्मा के दायरे में सरकारी और निजी दोनों सेवाओं को शामिल किया गया है. एस्मा लागू होने के बाद सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी अपनी सेवाएं देने से इनकार नहीं कर सकेंगे.
डॉ. राजौरा ने बताया है कि राजपत्र में जारी अधिसूचना अनुसार मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम-1979 की धारा-4 की उप धारा-1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार समस्त शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय संस्थानों में समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं, डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता कार्यकर्ता, मेडिकल उपकरणों की बिक्री संधारण एवं परिवहन, दवाइयों एवं ड्रग्स की बिक्री, परिवहन एवं विनिर्माण, एम्बुलेंस सेवाएं, पानी एवं बिजली की आपूर्ति, सुरक्षा संबंधी सेवाओं, खाद्य एवं पेयजल प्रावधान एवं प्रबंधन तथा बॉयो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन को अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी उक्त कार्य करने से इंकार किये जाने का प्रतिषेध किया गया है।
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प्रदेश सरकार ने कोरोना को देखते हुए वैक्सीनेशन का टारगेट दोगुना करने का भी फैसला किया है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 1 अप्रैल से प्रतिदिन टीकाकरण का टारगेट बढ़ाया जा रहा है. जिलों को नए टारगेट दिए जा रहे हैं. प्रदेश में नए टारगेट के अनुसार 400019 वैक्सीनेशन प्रतिदिन किए जाएंगे. भोपाल में 40,000 वैक्सीनेशन, इंदौर में 50000, जबलपुर में 25000, ग्वालियर में 25000 और उज्जैन में रोज 20000 लोगों को कोरोना का टीका देने का लक्ष्य रखा गया है.
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