नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि महापौर चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। नगर पालिका व नगर निगम परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का निर्वाचन पार्षद करेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार के अध्यादेश को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। बता दें सरकार के अध्यादेश का प्रस्ताव भेजने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को राजभवन पहुंच कर राजपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात की थी। वहीं, इससे पहले सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया था कि महापौर का चुनाव जनता और अध्यक्षों का चुनाव पार्षद करेंगे। इसका प्रस्ताव राजभवन भेज दिया है। देर शाम सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
कमलनाथ सरकार का फैसला पलटा
इससे पहले कमलनाथ सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का निर्णय लिया था। बीजेपी की सरकार बनने के बाद शिवराज ने कमलनाथ के निर्णय को अध्यादेश लाकर पलट दिया था। इसे डेढ़ साल तक विधानसभा में पेश ही नहीं किया गया। इससे यह खुद-ब-खुद रद्द हो गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के चुनाव कराने के आदेश के बाद सरकार ने जनता से महापौर और पार्षद का चुनाव कराने को लेकर अध्यादेश का प्रस्ताव राजभवन भेजा। उसे बाद में वापस भी बुला लिया। इस वजह से कमलनाथ सरकार के समय लागू की गई अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की व्यवस्था प्रभावी हो गई थी। अब सरकार के महापौर का चुनाव जनता या प्रत्यक्ष प्रणाली और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष यानी पार्षद से चुनने का अध्यादेश को राज्यपाल ने अनुमति द दी है।