इंदौर में मकान निर्माण : अब अनिवार्य होगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, आदेश हुआ लागू, उल्लंघन पर होगा जुर्माना

sadbhawnapaati
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देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में अब जल संरक्षण को लेकर भी पहल की जा रही है। बारिश का जल सहेजा जा सके इसके लिए रेल वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया गया है। 1500 वर्ग फीट वाले सभी आवासीय भवनों के लिए यह अनिवार्यता की गई है।

दरअसल, इंदौर में हर क्षेत्र में लगातार नवाचार हो रहे हैं। चाहे स्वच्छता में पांच बार देश में अव्वल आने की बात हो या राष्ट्रीय जल पुरस्कार में परचम लहराने की बात।

अब इंदौर को सेफ सिटी बनाने की कवायद भी की जा रही है तो वायू प्रदूषण कम करने के जतन भी किए जा रहे हैं। इन सबके साथ ही अब जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं।
इसके लिए नगर निगम ने 1500 वर्ग फीट वाले सभी आवासीय भवनों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। साथ ही गैर आवासीय और सरकारी भवनों में भी इसे अनिवार्य किया गया है।
पिछले साल नगर निगम ने शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद शासन ने इसका गजट नोटफिकेशन जारी कर इस नियम का पालन करवाने को कहा है।
नए सिस्टम के तहत अब 1500 वर्ग फीट या उसे बड़े भवनों को अनुमति तभी मिलेगी जब रेन हार्वेस्टिंग लगा लिया हो और वह भी चालू हालत में हो।

यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है। इसका उल्लंघन पाए जाने पर 500 रुपये से 5 हजार रुपये तक की पेनल्टी लगाई जाएगी।

आवेदन के साथ जमा करनी होगी सिक्योरिटी राशि

नियमों के तहत पहले से निर्मित या निर्माण के लिए प्रस्तावित 1500 वर्ग फीट के भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम छत पर या अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थापित करना होगा।
ऐसे ही 10 हजार वर्ग फीट और 25 हजार वर्ग फीट के बीच के क्षेत्र में आवासीय भवनों की अनुमति के लिए बिल्डर को 4 मीटर व्यास और 15 मीटर गहराई वाला एक गड्ढा बनाना होगा।
25 हजार हजार वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल में आवासीय भवन निर्माण की अनुमति प्राप्त करने के लिए छह मीटर का गड्ढा बनाना होगा। पहले से बने या प्रस्तावित गैर-आवासीय भवनों के लिए भी यह नियम लागू होगा।
ऐसे ही सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है। इसके लिए संबंधितों को भवन की अनुमति के लिए आवेदन के साथ सिक्योरिटी राशि जमा करनी होगी।
अधिकारियों द्वारा मौके पर परीक्षण करने के बाद उक्त राशि लौटा दी जाएगी। 140 वर्ग मीटर से 200 वर्ग मीटर तक के लिए 7 हजार रुपये लगेंगे। 200 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर तक के लिए 10 हजार रुपये लगेंगे। 300 वर्ग मीटर से 400 वर्ग मीटर के लिए 12 हजार रुपये लगेंगे।
400 वर्ग मीटर या उससे अधिक के लिए 15 हजार रुपये लगेंगे। उक्त सिस्टम के तहत नगर निगम द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा जिसके तहत पानी एकत्र होने का स्थान, पाइप, कंट्रोल वॉल्व, फ्लेश पाइप, फिल्टर यूनिट, स्टोरेज आदि हैं।
इसके तहत सिस्टम का सत्यापन के बाद टैक्स में अधिकतम 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। नगर निगम द्वारा मानसून के पहले 5 वार्डों में यह सिस्टम पूरा कराने के प्रयास हैं।

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