शराब की दुकानों के सामने खड़ी हो जाऊंगी, मेरा फोकस प्रदेश में शराबबंदी-उमा भारती

sadbhawnapaati
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पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी को लेकर फिर एक्टिव हो गई है। शुक्रवार को उमा भारती ने फिर दोहराया कि उनका फोकस शराबबंदी पर है। वह शराब की दुकानों के सामने खड़ी होकर जनता से पूछेगी कि वह शराब दुकानों से खुश है।

उमा भारती ने भोपाल में अपने निवास पर प्रेसवार्ता की। इसमें शराबबंदी अभियान को लेकर पूछे सवाल पर उमा भारती ने कहा कि उन्होंने अभियान शुरू कर दिया है। वह गुनगा गई थी तो शराब की दुकान के सामने खड़ी हो गई। वहां लोग भी आ गए। उन्होंने कहा कि दुकान को बंद कराए और पूरे प्रदेश में इसे लागू करें। पूर्व मुख्यमंत्री ने अभियान को लेकर कहा कि उनको कोई अटेंशन नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इसी तरह भोपाल में भी किसी दुकान के सामने खड़ी हो जाऊंगी। और लोगों से पूछूंगी कि क्या आप शराब दुकान से खुश हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने अभियान को लेकर सफाई देते हुए कहा कि उनको कोई अटेंशन नहीं चाहिए। उन्होंने अभियान को लेकर विधायकों से भी बात करने की बात कही।

नई नीति पर 24-25 को प्रेसवार्ता

प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति में शराब सस्ती होने और देशी दुकानों पर अंग्रेजी शराब मिलने के सवाल पर उमा भारती ने कहा कि वह नई आबकारी नीति को लेकर 24-25 मार्च के आसपास अलग से प्रेसवार्त करेंगी।

समाज को भी करना पड़ेगी अगुवाई

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शराब मुक्ति के लिए जनगारण अभियान चलाने और उनके शराबबंदी के लिए कानून बनाने के सवाल पर उमा भारती ने कहा कि  इसमें दो बातें है। शराब एक नशें का रूप है। नशे को रोकने समाज को अगुवाई करनी पड़ेगी और सरकार पीछे चलेगी। वहीं, शराब में सरकार को अगुवाई करनी पड़ेगी। क्योंकि नशा सरकार की सहमति से नहीं किया जाता है। लेकिन शराब की दुकानें सरकार के नियंत्रण से चलती है।

सीएम ने की एक दिन पहले मुलाकात
बता दें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक दिन पहले ही उमा भारती से उनके घर जाकर मुलाकात की थी और शराब मुक्ति के जनजागरण अभियान में सहयोग करने का अनुरोध किया था। उमा भारती से जब पूछा कि सीएम आपके अभियान में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही देंगे।

कांग्रेस पर साधा निशाना

कांग्रेस के तारीख पर तारीख देने के बाद भी अभियान शुरू नहीं करने को लेकर उठाए  सवाल पर उमा भारती ने कहा कि यह मेरे अकेले का अभियान नहीं है। इसमें सभी को सामने आना चाहिए। ऐसा नहीं है कि मैं झंडा लेकर चलूंगी फिर ही लोग आएंगे। इसे सामाजिक अभियान के रूप में लेना चाहिए ना कि राजनीति अभियान के। उन्होंने नेताओं की शराब की दुकानें होने पर कहा कि कानून बनेगा तो उसका पालन सभी को करना पड़ेगा।

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