इंदौर में कमिश्नर कार्यालय पर होगा 26 जून को जून को खेती बचाओ- लोकतंत्र बचाओ आंदोलन, श्रम संगठनों और किसान संगठनों का संयुक्त फैसला

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इंदौर . संयुक्त किसान मोर्चा ने आपातकाल के 46 वर्ष पूरे होने तथा वर्तमान किसान आंदोलन के 7 माह पूरे होने के अवसर पर खेती बचाओ लोकतंत्र बचाओ आंदोलन करने का निर्णय किया गया है। इंदौर में यह आंदोलन 26 जून को दोपहर 12:00 बजे संभाग आयुक्त कार्यालय पर होगा जिसमें सभी किसान संगठनों और श्रम संगठनों के कार्यकर्ता भागीदारी करेंगे कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए यह प्रदर्शन होगा। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर 3 किसान विरोधी कानून रद्द करने, बिजली संशोधन बिल 2020 वापस लेने तथा सभी कृषि उत्पादों की लागत से डेढ़ गुना दाम पर खरीद की कानूनी गारंटी और श्रम कानूनों की बहाली तथा चारों संस्थाओं को रद्द करने की मांग करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति इंदौर इकाई द्वारा जारी विज्ञप्ति में सभी नागरिक संगठनों, किसान संगठनों, महिला संगठनों, मजदूर संगठनों से अपील की है कि 26 जून को होने वाले आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें।

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उक्त जानकारी देते हुए किसान संघर्ष समन्वय समिति के रामस्वरूप मंत्री ने बताया कि प्रदेश में मानसून आ गया लेकिन अभी तक किसानों को खाद, बीज पर्याप्त मात्रा में सोसायटियों से नहीं मिला है। जिसके चलते किसानों को बाजार से उच्च दामों पर तथा निम्न गुणवत्ता का खाद बीज लेना पड़ रहा है। विगत वर्ष फसल खराब होने के बावजूद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला ना ही सरकार द्वारा मुआवजा दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी वृद्धि का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन फसलों की जो एमएसपी तय की गई है उस पर भी मंडियों में खरीद नहीं होने से किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है। लॉकडाउन में मंडियां बंद होने पर व्यापारियों को अनाज बेचना पड़ा। रायसेन इंदौर, धामनोद, सांची खरगोन के किसानों से करोड़ों  रूपये की उपज लेकर व्यापारी फरार हो गए है। 4 जून से ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीद शुरू करने को लेकर मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल की घोषणा के बावजूद अभी तक खरीदी शुरू नहीं हुई है।
अखिल भारतीय किसान सभा के अरुण चौहान, किसान खेत मजदूर संगठन के प्रमोद नामदेव और सोनू शर्मा, सीटू के कैलाश लिम्बोदिया, भागीरथ कछवाय और सीएल सरावत, किसान संघर्ष समिति के रामस्वरूप मंत्री और दिनेशसिंह कुशवाह, एटक के रद्रपाल यादव और सत्यनारायण वर्मा आदि ने किसानों मजदूरों से समर्थन की अपील की है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।