नगरीय निकाय चुनाव से पहले नेताओं के बीच चल रही खींचतान अब उजागर होने लगी है। वाद-विवाद तक तो ठीक था लेकिन बात गाली गलौज तक पहुंच रही है और पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। कांग्रेस नेताओं के बीच हुई बातचीत का ऐसा ही एक कथित ऑडियो चर्चाओं में आया है जिसमें ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया है जिन्हें लिखा नहीं जा सकता।
विनोदिनी व्यास है प्रत्याशी
बता दें कि देवास से कांग्रेस ने विनोदिनी रमेश व्यास को महापौर प्रत्याशी घोषित किया है। यह नाम ऐनवक्त पर घोषित हुआ जिसके बाद से कांग्रेस में नाराजगी बढ़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि जो नाम दौड़ में थे और प्रबल माने जा रहे थे उनको पछाड़ कर प्रदेश कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने व्यास के नाम पर मुहर लगा दी और खबर यहां तक भी है कि इस नाम को तय करने से पहले स्थानीय संगठन को भरोसे में भी नहीं लिया गया, इसके चलते नाराजगी की बात सामने आ रही है। ब्राह्मण वोटों के सहारे कांग्रेस महापौर की कुर्सी तक पहुंचने का सपना देख रही है लेकिन गुटबाजी भूलाकर कांग्रेस के एकजुट होने को लेकर संशय बना हुआ है। कांग्रेस समर्थित एक नेता के निर्दलीय लड़ने की भी बात कही जा रही है। ऐसे में जो ऑडियो सामने आया है उसके बाद से कांग्रेस में स्थिति उलझ गई है।
दरअसल कांग्रेस ने चर्चा इस बात की चल रही है कि देवास के महापौर प्रत्याशी का टिकट किसने करवाया, इसी को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी भी है। खबर मिली है कि देवास में कमलनाथ की ओर से प्रवेश अग्रवाल का नाम तय था तो विरोध होने के बाद रमेश व्यास के नाम पर मुहर लगी। कहा जा रहा है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के कोटे से यह टिकट हुआ है। कुछ अन्य नेताओं के नाम भी नाम भी सामने आ रहे हैं और इसको लेकर ही कांग्रेस में स्थिति उलझ गई है क्योंकि व्यास का टिकट होने के बाद से ही हर कोई हैरान है कि आखिर बड़े नामों को दरकिनार कर व्यास टिकट कैसे ले आए।