कांग्रेस वर्किंग कमेटी में में मप्र के नेताओं का दबदवा खत्म

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sadbhawnapaati
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भोपाल। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद नतीजों पर दिल्ली में पार्टी रविवार को मंथन कर रही है, जिसमें मध्य प्रदेश कांग्रेस नेताओं की भागीदारी नहीं होगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की वर्किंग कमेटी में अभी एमपी से कोई नेता नहीं है।
प्रदेश से वर्किंग कमेटी के स्थायी आमंत्रितों में एकमात्र नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हैं, लेकिन रविवार की बैठक में वे शामिल नहीं हो रहे हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ भी वर्किंग कमेटी में नहीं होने से बैठक से दूर रहने वाले हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि एक समय ऐसा था, जब कांग्रेस वर्किंग कमेटी में मध्य प्रदेश का वर्चस्व हुआ करता था। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी जैसे दिग्गज नेताओं के अलावा भाजपा में जा चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया का अखिल भारती कांग्रेस कमेटी में दबदबा हुआ करता था और वर्किंग कमेटी में इनकी बातों को पूरी तवज्जोह दी जाती थी। आज अखिल भारती कांग्रेस कमेटी की वर्किंग कमेटी में मध्य प्रदेश का कोई नेता नहीं है और दिग्गज नेता केवल नाम के दिग्गज नेता बनकर रह गए हैं, क्योंकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने हाथ में आई सरकार को गंवा दिया है। इससे हाईकमान में उनकी आवाज कमजोर पड़ चुकी है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।