ब्रज धाम के मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव पर ऐसे होंगे आलौकिक दर्शन, दिखेगा जन्माष्टमी का जबरदस्त  

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

Janmashtami 2022 Braj Mandal Mandir: श्री कृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष में जन्माष्टमी मनाई जाती है. 18 अगस्त के दिन देश के कई हिस्सों में जन्माष्टमी मनाई गई.

वहीं, मथुरा वृन्दावन समेत कुछ जगहों पर जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त यानी कि आज मनाया जाएगा. जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है उन्हें झूला भी झुलाया जाता है. इस दिन लड्डू गोपाल का शृंगार भी देखने लायक होता है. यूं तो पूरी दुनिया ही कृष्ण जन्मोत्सव की अनूठी छटा में डूबी होती है लेकिन समस्त ब्रज धाम का नजारा अद्भुत अविस्मर्णीय होता है. ब्रज का कण कण कृष्णमयी दिखाई पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस साल कैसा होगा ब्रज मंडल के मंदिरों में जन्माष्टमी का रंग.

ब्रज मंडल किसे कहते हैं?

ब्रज मंडल उत्तर प्रदेश का वह क्षेत्र है जो भगवान कृष्ण से किसी न किसी प्रकार से जुड़ा हुआ है. इसके अंतर्गत 12 वन कई उपवन आते हैं. इनमें मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन, महावन, बरसाना, नंदगांव, बलदेव,काम्यवन डीग जैसी वो तमाम इलाके शामिल हैं जो श्री कृष्ण की लीलाओं के भागी रहे हैं. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, ब्रज की सीमा को चौरासी कोस माना गया है. तभी इस पूरे इलाके की परिक्रमा को ब्रज 84 कोस यात्रा के नाम से जाना जाता है.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा
भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था. जिस जगह पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था आज वहां भगवान कृष्ण का मंदिर है. जिसे कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के नाम से जाना जाता है. जन्माष्टमी के मौके पर यहां भगवान कृष्ण की भव्य झांकियां निकाली जाती हैं.

चौरासी खंभों का मंदिर गोकुल
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब श्री कृष्ण का जन्म हुआ था तब उन्हें उनके पिता वासुदेव कंस से बचाने हेतु गोकुल ले आये थे. गोकुल में कन्हैया ने अपनी अनगिनत मनमोहक बाल लीलाएं रचाईं. गोकुल के नंद भवन में भगवान कृष्ण के जन्म दिवस के अवसर पर जन्माष्टमी का पावन त्यौहार बड़े हर्षोल्लास धूमधाम से मनाया जाता है.

बांकेबिहारी मंदिर वृंदावन
भगवान कृष्ण के जीवन का बेहद खास पल वृंदावन में बीता. जहां से उन्होंने पूरी दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया. यहां मौजूद बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर विशेष उत्सव का आयोजन कराया जाता है. हर साल जन्माष्टमी पर यहां भक्तों की जबरदस्त भीड़ उमड़ती है.

राधा रानी मंदिर बरसाना
बरसाना राधा रानी की जन्स्थाली है. यहां उनका भव्य मंदिर भी स्थापित है. बरसाना समेत पूरा ब्रज मंडल भगवान कृष्ण राधा रानी की प्रेम लीलाओं से सराबोर है. कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर राधा रानी मंदिर में भी विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है. कृष्ण जन्मोत्सव पर राधा रानी का मंदिर आलौकिक तेज से भर जाता है.

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।