– अब टैक्स रिटर्न जमा करते समय बतानी होगी विदेशी संपत्ति और शेयर की जानकारी
अब इनकम टैक्स जमा करते हुए करदाताओं को विदेशी संपत्ति और शेयर की जानकारी सहित कई तरह की जानकारियां देनी होगी। इसके लिए इनकम टैक्स विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अनिवार्य प्रावधान किया है।
यह प्रावधान असेसमेंट ईयर 2022-23 यानी वित्तीय वर्ष 2021-22 से संबंधित स्थानीय करदाताओं के सारे रिटर्न में जरूरी है। इसका असर इंदौर के उन सभी करदाताओं पर भी पड़ेगा, जिन्होंने विदेशी शेयर ब्रोकिंग एप के माध्यम से विदेशी कंपनियों के शेयर लिए हैं।
नए प्रावधान के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष में करदाताओं द्वारा की गई विदेशी संपत्ति के लेनदेन की जानकारी, इनकम टैक्स रिटर्न के माध्यम से करदाताओं को डिटेल में देना अनिवार्य है।
अप्रैल से रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिसमें इस बार से संपत्ति बेचने से जुड़ी पूरी जानकारी करदाता को देना होगी। पहले जहां शेयर और अन्य विदेशी संपत्ति कब खरीदी गई, यह बताना जरूरी नहीं था, वहीं अब तारीख के साथ यह अनिवार्य हो गया है।
यह पहली बार है कि विदेशी संपत्ति चाहे वह किसी भी प्रकार की हो, चाहे उससे कुछ आय अर्जित की गई हो या नहीं, उसका पूरा ब्योरा आयकर रिटर्न में देना अनिवार्य है। जानकारों का कहना है कि करदाता से संबंधित विदेशी लेनदेन कई बार विभाग की जानकारी में नहीं आ पाते हैं।
ऐसे में कर चोरी की आशंका बनी रहती है। इस नए नियम से ऐसी डिटेल्स शो करने का सारा दायित्व करदाता पर ही डाल दिया गया है।
जानकारी नहीं देने पर लग सकती है पेनल्टी
ऐसे करदाता, जिनकी व्यापार से आय नहीं है और ग्रॉस कुल आय 50 लाख से कम है, उनको अपने रिटर्न में बैलेंस शीट या असेट और लायबिलिटी की जानकारी दर्शाना अनिवार्य नहीं होता है।
नए नियम से उन्हें भी विदेशी संपत्ति और आय की सारी जानकारी रिटर्न में दर्शाना होगी। ऐसा नहीं किया तो विभाग मानेगा कि रिटर्न इनवेलिड या ऐसा रिटर्न कभी फाइल ही नहीं किया है। करदाता पर पेनल्टी भी लग सकती है।
विदेश के वित्तीय वर्ष के अनुसार ही जानकारी
विदेशी कंपनी के शेयर होल्ड किए हैं या अकाउंट जिस देश में है, वहां कैलेंडर ईयर के हिसाब से फाइनेंशियल ईयर एंडिंग होती है, तो ऐसी स्थिति में कैलेंडर ईयर के हिसाब से डिटेल देना होगी।
जैसे ब्राजील, चीन में 31 दिसंबर 2021 को वित्तीय वर्ष समाप्त हो गया। ऐसे में भारत में इस साल यानी असेसमेंट वर्ष 2022-23 के रिटर्न में चीन में किए निवेश के 31 दिसंबर 2021 तक के हिसाब की डिटेल देना होगी।
2012-13 तक के मामलों की हो सकती है पड़ताल
सीए अनिल गर्ग के मुताबिक यदि किसी भारतीय करदाता द्वारा विदेश में कोई अघोषित बैंक खाता या अन्य किसी रूप में अघोषित संपत्ति का रखा जाना पाया जाता है, जिसका संभावित मूल्यांकन 50 लाख रुपए या उससे अधिक हो तो ऐसे करदाता को कर निर्धारण वर्ष 2012-13 या उसके बाद के किसी भी वर्ष के लिए, असेसमेंट या री-असेसमेंट के लिए अधिनियम की धारा 148 के अंतर्गत नोटिस जारी किया जा सकता है।
विभाग को यह जानकारी देना जरूरी
नए प्रावधान के अनुसार टैक्स जमा करते समय संपत्ति, निवेश किस देश में, कंपनी का नाम या असेट की डिटेल, पूरा पता, जिप कोड, अकाउंट नंबर, खाता खोलने की तारीख, बैंक अकाउंट की दशा में वर्ष के दौरान सबसे ज्यादा कितना बैलेंस रहा, क्लोजिंग बैलेंस, कुल ब्याज (प्राप्त एवं देय), इन्वेस्टमेंट की वैल्यू, जिस कंपनी के शेयर खरीदे हैं, वह लिस्टेड है या नहीं, शेयर खरीदने की तारीख, शेयर बेचने की दशा में सेल प्रोसिड की ग्रॉस वैल्यू आदि की जानकारी देनी होगी.