Indore Crime : इंदौर में ठेकेदार ने पत्नी का गला घोंटा फिर खुद लगाई फांसीनोट में लिखा, इसके चरित्र से परेशान हूं

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sadbhawnapaati
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इंदौर क्राइम. इंदौर के द्वारकापुरी इलाके में एक ठेकेदार ने अपनी पत्नी की चार्जर केबल से गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर खुद फंदे पर झूल गया। रंगपंचमी के दिन बच्चों के घर से बाहर निकलते ही ठेकेदार ने ये कदम उठाया। पति को पत्नी के चरित्र पर शंका थी इस वजह से दोनों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था।

बच्चे जब होली खेलकर घर आए तो उन्होंने पिता को फंदे पर झूलते देखा। वहीं मां का शव बिस्तर पर पड़ा हुआ था। बच्चों ने मां को आवाज दी। जब वह नहीं उठी तो परिवार के अन्य लोगों को बुलाया। दोनों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस को डायरी में एक पन्ने का सुसाइड नोट भी मिला, जिसे पेंसिल से लिखा गया है। इसमें पति ने पत्नी के चरित्र पर उंगली उठाते हुए लिखा, मैं पत्नी के चरित्र से लंबे समय से परेशान हूं। पुलिस ने नोट को जब्त कर जांच शुरू कर दी है। ठेकेदार का ये रजिस्टर मजदूरों की हाजिरी लगाने के लिए घर में रखा हुआ था। इसी के एक खाली पन्ने पर उसने सुसाइड नोट लिखा।

TI सतीश द्विवेदी के मुताबिक रिलेक्स गार्डन के पीछे द्वारकापुरी में रहने वाले ठेकेदार रंजीत पिचोरवाल ने पत्नी का गला घोटकर खुदकुशी कर ली। सुसाइड नोट जब्त कर जांच कर रहे हैं।

बच्चे घर पहुंचे तो फंदे पर लटके थे पिता

रंजीत अपने दो भाइयों और माता-पिता के साथ रहता था। रंजीत कंस्ट्रक्शन का काम करता था। जबकि दोनों भाई फेब्रीकेशन ओर फर्नीचर का काम करते हैं। परिजनों ने बताया कि रंजीत के दो बच्चे हैं। बेटा सौरभ (14) और बेटी निधि (10) है। दोनों रंगपंचमी पर बाहर दोस्तों के साथ खेलने गए थे। करीब चार बजे जब वे घर लौटे तो पिता को पंखे से लटके व मां को बिस्तर पर पड़े हुए देखा। मां को उठाया, लेकिन वो नहीं उठी। बच्चों ने चाचा और दादा को आवाज लगाकर जानकारी दी। परिवार के लोग उन्हें अस्पताल ले गए।

हाजिरी रजिस्टर में पेंसिल से लिखा सुसाइड नोट
रंजीत ने एक हाजिरी रजिस्टर में पेंसिल से सुसाइड नोट में पत्नी की हत्या कर आत्महत्या की बात लिखी है। दोनों के बीच काफी समय से तनाव की बात भी सामने आ रही है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।