इंदौर क्राइम : नकली कंपनी बना कर प्लॉट्स बेचे, डेढ़ करोड़ की जालसाजी में पकडाया सी. ए. छात्र 

sadbhawnapaati
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इंदौर. इंदौर के थाना तुकोगंज के दर्ज प्रकरण अनुसार चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की तैयारी कर रहा एक छात्र जालसाज बन गया। सीए इंटर्नशिप के दौरान उसने जिस बिल्डर की कंपनी में नौकरी की उसी के नाम से दूसरी कंपनी बना ली।

फिर कंपनी की जगह अपनी कंपनी के जरिए प्लॉटों के सौदे करने लगा। डेढ़ करोड़ रुपए खाते में आने के बाद वह पैसे लेकर भाग गया। अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी सीए इंटर्न इंदौर की मेगा बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था। उसने खुद को कंपनी का पार्टनर बताकर 7 से ज्यादा लोगों से डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी की।

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था।

थाना प्रभारी कमलेश शर्मा के अनुसार फरियादी आशीष शर्मा पिता डॉ. रामकृष्ण शर्मा निवासी स्कीम नंबर 54 ने शिकायत की थी कि उनका रत्नमणि कॉम्प्लेक्स में मेगा बिल्डर्स के नाम से ऑफिस है।

उनके यहां कार्यरत कर्मचारी कार्तिक पटेल 2019 से कंपनी में अकाउंटेंट के रूप में काम कर रहा था। कार्तिक ने फर्जी तरीके से मेगा बिल्डर्स के नाम पर कई लोगों से प्लॉट देने के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की।

शर्मा के अनुसार एक साल बाद ही कार्तिक के बारे में पता चला कि उसने लेनदेन में गड़बड़ी कर कंपनी में एक लाख 51 हजार रुपए का गबन किया है। उस वक्त कंपनी ने उससे लिखा-पढ़ी करवा ली और मामला रफा-दफा हो गया।

आरोपी कार्तिक पिता प्रहलाद पटेल उम्र 29 वर्ष पिपल्याहाना इन्दौर को पकडा। आरोपी कार्तिक पटेल ने बताया कि वह मूलतः सागर जिले का निवासी है। उसने बीकॉम की पढाई इन्दौर से की है।

वह सीए इंटर्नशिप की तैयारी कर रहा था। इसी दौरान उसने वर्ष 2018 में आशीष शर्मा के ऑफिस मेघा बिल्डर्स, रत्नमणि कॉम्पलेक्स, न्यू पलासिया इन्दौर में नौकरी शुरू की।

इसी दौरान उसने खुद फर्जी तरीके से आशीष शर्मा की मेघा बिल्डर्स के नाम से एक कंपनी बनाई। जिसमें उसने करीब 20-25 लोगों को प्लॉट के नाम पर उनसे रुपए लेकर उन्हें फर्जी रसीदें बनाकर दी है।

15 फरवरी 2022 को आनंद वर्मा प्लॉट की शेष राशि जमा करने आए, तो पता चला कि कार्तिक ने कंपनी की फर्जी रसीदों से कई प्लॉट बेच दिए और लाखों रुपए ले लिए।

जांच में पता चला कि कार्तिक ने अजय वर्मा, संजय सोनी के अलावा भी 25 लोगों को फर्जी तरीके से प्लॉट बेच कर डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की।

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