इंदौर. विकास प्राधिकरण ने एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के बीच अपनी पुरानी 5 योजनाओं का नया नाम देकर उनके काम शुरू करने की योजना बनाई है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार को अंतिम स्वीकृति के लिए भी खाका तैयार कर भेजा गया है जहां से स्वीकृति मिलने के बाद नए सिरे से काम की शुरुआत हो सकती है।
बताया जाता है कि तीन प्रमुख योजनाएं 3 माह के पहले आकर नहीं ले सकेगी क्योंकि योजनाओं का नया स्वरूप देने के लिए धारा 50 (2) में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना संक्रमण के चलते प्राधिकरण ने दो से तीन योजनाओं को पूरा नहीं किया था। इसमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट पिपलियाहाना ब्रिज था जबकि बंगाली चौराहा ब्रिज का काम स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की प्रतिमा दूसरी जगह स्थापित नहीं होने का था अब बराबर फिर से शुरू हो गया है। वहीं निर्माणाधीन आईएसबीटी सुपर कॉरिडोर पर आवासीय व्यवस्था की इमारत भी है। वर्ष 2021 बारिश में लगभग 500 करोड़ से अधिक के कार्य प्रस्तावित है। इन योजनाओं को नए लँड पूलिंग एक्ट के तहत लागू किया गया है।
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इसमें किसानों को कुल जमीन का 50 प्रतिशत शेयर मिलेगा सभी योजनाएं योजनाओं के स्थान पर लागू की गई है जो 10 फीसदी विकास मापदंड को पूरा न करने कारण निरस्त भी हो चुकी है । इन योजना के स्थान पर विकास प्राधिकरण 8 बड़ी योजना घोषित की इनमें से पांच को शासन की मंजूरी के लिए भेजा है और यह एक तरह से देखा जाए तो लागू भी हो गई है। अब शासन की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।
विकास प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने अनुसार कई मामलों में कुछ योजनाओं को हमने नए सिरे से तैयार किया है तो कुछ में काम होना है। इसके लिए शासन के पास स्वीकृति के लिए भेजा है और स्वीकृति मिलने के बाद ही इस पर काम शुरू हो सकता है।
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