इंदौर: थानों का निरीक्षण करने पहुंचे डीजीपी, अपने मोबाइल से महिला को कॉल कर पूछा शिकायत के बारे में, रजिस्टर भी किए चेक

sadbhawnapaati
6 Min Read

मप्र के पुलिस मुखिया सुधीर कुमार सक्सेना इंदौर के दौरे पर हैं। सोमवार रात को वे इंदौर पहुंचे थे और गुरुवार को वापस जाएंगे। मंगलवार को डीजीपी ने पुलिस अफसरों की बैठक ली थी। बुधवार को वे थानों के निरीक्षण के लिए पहुंचे। थाने के रजिस्टर देखे। शिकायत रजिस्टर का अवलोकन किया। इस दौरान एक शिकायकर्ता को कॉल कर बात भी की।

जानकारी के मुताबिक डीजीपी सुधीर सक्सेना बुधवार को सबसे पहले शहर के बाणगंगा थाने पर पहुंचे। यहां थाने के रजिस्टर व शिकायत रजिस्टर को चेक किया। स्टाफ से रोज आने वाली शिकायतों और लंबित शिकायतों के बारे में पूछा।

थाने के मालखाने की भी जानकारी ली। थाने के बल से पूछा कि शिकायत मिलने पर एफआईआर कैसे दर्ज की जाती है। महिला संबंधित अपराधों की जानकारी लेने के लिए डीजीपी ने महिला डेस्क पर जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर श्रद्धा पवार से चर्चा की।
सब इंस्पेक्टर श्रद्धा से यह भी जानकारी ली कि 376 व 354 के मामले में वह किस प्रकार से कार्रवाई करते हैं। अधिकारी ने डीजीपी को बताया गया कि 376 में पहले एफआईआर दर्ज करते हैं, लेकिन उससे पहले शिकायतकर्ता को इस बात की जानकारी भी दे देते हैं कि यदि झूठी रिपोर्ट की तो उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हो सकता है। इसके बाद जांच कर आगे की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है।

बाणगंगा थाने पर डीजीपी करीब दो घंटे तक रूके। बारीकी से हर चीज की जानकारी ली। इसके बाद वे महिला थाने पर पहुंचे। यहां पर सबसे पहले सलामी दे रही आरक्षकों से उन्होंने चर्चा करते उनके काम के बारे में पूछा। शिकायत दर्ज करवाने आई एक पीड़िता से उन्होंने बात की और उससे थाने पर आने का कारण पूछा।

जिस पर पीड़िता ने डीजीपी को कहा कि पति मारपीट करता है। अभी मैडम ने फोन कर उसे बुलाया है। जिसके बाद थाने में अन्य जानकारी लेते हुए डीजीपी वहां से रवाना हो गए। बाणगंगा थाने की महिला डेस्क पर उन्होंने महिला संबंधित अपराध जानने के लिए रजिस्टर में से शिकायतकर्ता का फोन नंबर निकाल कर सीधे अपने ही फोन से शिकायतकर्ता से बात कर ली।
महिला से चर्चा करते हुए डीजीपी ने सीधे पूछा कि आप ने अपनी शिकायत थाने में कब दर्ज कराई थी और आप बोले थे कार्रवाई से संतुष्ट हैं। जिस पर फरियादी ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई कर दी है और अब मेरा पति मुझसे मारपीट नहीं करता है। इसके बाद डीजीपी ने इस मामले के जांच अधिकारी से अन्य जानकारी भी ली। बाद में डीजीपी थाने से रवाना हो गए।

ट्विटर अकाउंट बनाने की कही बात

इधर मंगलवार को हुई बैठक में डीजीपी सक्सेना ने को पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आयुक्त प्रणाली के बाद पुलिस ने हजारों लोगों पर बाउंड ओवर (प्रतिबंधात्मक कार्रवाई) की है। इस पर उन्होंने कहा कि बाउंड ओवर तो कलेक्टर भी करते थे।
आपके पास अधिकार आने के बाद क्या प्रभाव पड़ा। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र कहा कि पहले बाउंड ओवर के उल्लंघन पर धारा 122 की कार्रवाई नहीं होती थी। अब तुरंत पेश कर आरोपितों को जेल भिजवा देते हैं। सक्सेना ने कहा कि इंदौर अपराध शाखा को अपना महत्व समझना चाहिए।
उन्हें दिल्ली-मुंबई अपराध शाखा जैसा वजूद बनाना होगा जिससे गंभीर मामलों में लोग खुद कहें कि फलां मामले की जांच अपराध शाखा से करवाना चाहिए। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगनकर ने कहा कि अपराध शाखा अंधे कत्लों की जांच कर रही है।
पिछले दस साल के उन अनसुझले कत्लों की दोबारा जांच हो रही है, जिनकी फाइलें बंद पड़ी थीं। डीजीपी ने कहा कि सभी अधिकारियों को टि्वटर अकाउंट बनाना चाहिए। फॉलोअर्स बढ़ाने की बात भी कही। पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की चर्चा की और कहा कि 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले पुलिसवालों के स्वास्थ्य की नियमित जांच होनी चाहिए।

बेटी ने किया सैल्यूट तो मुस्कुराए डीजीपी

जिस समय बैठक चल रही थी उस समय डीजीपी की बेटी सोनाक्षी सक्सेना भी मौजूद थीं।  वे कोतवाली थाना प्रभारी हैं। आईपीएस होने कारण उन्हें बैठक में बुलाया गया था। बैठक के पूर्व पुलिस महानिदेशक का सभी अधिकारियों से परिचय हुआ।
सोनाक्षी ने उन्हें सैल्यूट किया तो पुलिस महानिदेशक मुस्कुरा दिए। सोनाक्षी परिचय देतीं, इसके पहले पुलिस महानिदेशक हाथ मिलाकर आगे बढ़ गए। कार में बैठने के बाद भी अधिकारियों ने बारी-बारी से सैल्यूट किया। उस समय भी सोनाक्षी सावधान की स्थिति में खड़ रहीं और नजरें मिलते ही सैल्यूट कर अभिवादन किया।
Share This Article