इंदौर के मुख्य समाचार – Indore Top News

sadbhawnapaati
9 Min Read

Indore News in Hindi-1

इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विकास की नीति के लिए टास्क फोर्स गठित 


इन्दौर।
 राज्य शासन ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर के समुचित विकास के लिए नीति तैयार करने, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंपनियों से समन्वय स्थापित कर निवेश आकर्षित करने और संबंधित क्षेत्र में आर एण्ड डी को बढ़ावा देने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और कौशल उन्नयन की संभावनाओं पर विचार करना, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमी कंडक्टर क्षेत्र में डिजाइन और रिसर्च एवं डेवलपमेंट आदि को प्रोत्साहित करना टास्क फोर्स के गठन के उद्देश्य में शामिल है।
टास्क फोर्स के अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ. सचिन चतुर्वेदी हैं। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन सदस्य सचिव हैं। प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्रमुख सचिव या सचिव सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर डेकी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं चेयरमेन सीएचआईसीटी समिति विनोद शर्मा, चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर साईनटक एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ऑफ मध्यप्रदेश अम्बरीश केला, चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर माई बॉक्स पाल इंडिया अमित खरबंदा, आईआईटी इन्दौर के प्रोफेसर संतोष विश्वकर्मा, सैमसंग के पूर्व सीनियर वाइस प्रेसिडेंट दीपक भारद्वाज और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एपिक फाउंडेशन हरीश वाधवा सदस्य है। राज्य शासन द्वारा समय-समय पर अन्य सदस्य को भी टास्क फोर्स में शामिल किया जा सकेगा।
टास्क फोर्स, देश के अन्य राज्यों की इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर संबंधी नीतियों का अध्ययन कर प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स नीति का प्रस्ताव तैयार करेगी। इसमें राज्य शासन के निर्देशानुसार विभिन्न विषयों से संबंधित अनुशंसा का समावेश किया जाएगा। टास्क फोर्स द्वारा गठन किये जाने के दिनांक से 2 माह की समय अवधि में प्रथम रिपोर्ट राज्य शासन को प्रस्तुत की जाएगी।
 
 

Indore News in Hindi-2

हक के लिए आवाज उठाने पर रहवासियों के खिलाफ केस दर्ज 

 
बिना सक्षम स्वीकृति कालोनीनाईजर के विरोध में किया चक्का जाम 

इन्दौर। 
लसूड़िया थाना क्षेत्र की कालोनियों के रहवाहियों ने हक की आवाज उठाई, तो उनके खिलाफ ही पुलिस कार्रवाई हो गयी। रहवासियों द्वारा कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने के चलते कॉलोनाइजर के खिलाफ चक्काजाम किया जा रहा था। हालांकि चक्का जाम करने के पहले रहवासियों द्वारा अपनी शिकायतों से जनप्रतिनिधियों सहित कलेक्टर कार्यालय के आला अधिकारियों तक को अवगत कराया था,  जब निराकरण नहीं हुआ तब वे इस तरह प्रदर्शन करने आए। चक्का जाम की पुलिस ने वीडियोग्राफी करा उसके आधार पर चक्काजाम करने वालों पर कार्रवाई कर दी।
बताया जा रहा है कि लसूड़िया क्षेत्र के ढाबली में बसी कॉलोनियों के रहवासी कॉलोनाइजर के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे और सिंगापुर टाउनशिप, ज्ञानशिला कॉलोनी के मेन गेट पर चक्का जाम करने लगे। उनका कहना था कि हमारी कॉलोनियों में रेरा के कायदों का पालन नहीं किया गया। बिजली, सड़क, पानी, क्लब हाउस जैसी सुविधाओं के लिए प्लॉट देते समय कॉलोनाइजरों ने रुपए जमा करवा लिए थे, बाद में सुविधाएं नहीं दी गईं। कई बार कॉलोनाइजर के दफ्तर में जाकर शिकायत की, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था।
मौके पर पुलिस और अधिकारी भी पहुंचे, प्रदर्शनकारियों की पुलिस ने वीडियोग्राफी की और जो चेहरे सामने आए उन पर बिना परमिशन से धरना आंदोलन कर सड़क को जाम कर आम लोगों के लिए असुविधाएं उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कर लिया गया। जिन लोगों पर कार्रवाई हुई उनके नाम रविंद्र राणा, पंकज शर्मा, आशीष कुमार साहू, पीयूष दुबे, ऋषि त्रिपाठी, मुकेश जैन हैं। साथ ही एफआईआर में यह जिक्र किया कि अभी इन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की है और भी लोगों की पहचान की जा रही है। जिस कॉलोनाइजर के कारण यह प्रदर्शन हुआ उस पर अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई प्रशासन ने नहीं की है।

Indore News in Hindi-3

नौकरी डॉट काम से जानकारी ले इन्दौरी युवाओं को लूट रहे साइबर लुटेरे 

इन्दौर। क्रेडिट कार्ड सहित अन्य तरह से ऑनलाइन लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले लगातार सामने आ रहे है। साइबर अपराधी नित नये नये तरिके अपनाते लोगो के साथ धोखाधड़ी करते है जिससे पुलिस भी अपनी जांच में एक बारगी गुमराह हो जाती है, एटीएम कार्ड, बिजली बिल के बाद अब अच्छी नौकरी का लालच दे ये अपराधी ठगी कर रहे है। बताया जा रहा है कि इस तरह के करीब तैंतीस मामले की शिकायतें की गई है। जांच के बाद लसूडिय़ा थाने में केस दर्ज किये गये है।
लसूड़िया पुलिस ने बताया कि ठगी के शिकार लोगों में दिनेश मुकाती निवासी सिंगापुर टाउनशिप, योगेश यादव निवासी मालव कुंज कॉलोनी सेजवाय सहित 31 युवक हैं। इनमें योगेश ने बताया कि वे इन्दौर के एक अस्पताल में रिश्तेदार के इलाज के लिए आए थे। योगेश ने नौकरी डॉट कॉम पर बायोडाटा अपलोड किया था। अस्पताल में ही उनके पास अज्ञात नंबरों से फोन आया और फोन करने वाला नौकरी दिलाने की बात कहने लगा। फोन लगाने वाले ने योगेश को कई कंपनियों में नौकरी का ऑफर दिया। इसके बाद ऑनलाइन इंटरव्यू लेने की बात भी कही। योगेश ने इच्छा जताई कि पीथमपुर स्थित टाटा स्टील में नौकरी चाहिए। फोन लगाने वाला इस बात पर भी राजी हो गया और कहने लगा कि यहां 60 हजार रुपए माह के हिसाब से सैलरी मिलेगी। उसके बाद फोन लगाने वाले ने कहा कि हम एक लिंक भेज रहे हैं, उस पर क्लिक करना और 10 रुपए का पेमेंट भेजना। योगेश ने इस तरह पुराने फ्रॉड का हवाला देते हुए लिंक पर क्लिक करने से इनकार किया तो फोन लगाने वाला भरोसा दिलाते हुए कहने लगा कि हमें ठगी करना होती तो 10 रुपए थोड़ी खाते में डलवाते, हजारों रुपए डलवाते इस तरह योगेश को बातों में उलझाकर आखिर में उसने लिंक पर क्लिक करवा ही लिया। जैसे ही योगेश ने लिंक पर क्लिक किया तो उनके खाते से हजारों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ। इसके बाद योगेश ने ज्यादा रुपए ट्रांसफर होने की बात कही, लेकिन फोन लगाने वाला नहीं माना और बाद में फोन बंद कर दिया। योगेश ने बताया कि वह मात्र 16 हजार रुपए प्रतिमाह की नौकरी करता है। ठग उसके खाते से 50 हजार से ज्यादा उड़ा चुके।

Indore News in Hindi-4

मानपुर थाना कस्टडी मौत मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने आईजी, कलेक्टर इंदौर से तीन सप्ताह में मांगा जवाब

 
 
इंदौर। इंदौर जिले की महू तहसील के मानपुर में डकैती की योजना बनाने वाले मामले में फरार चल रहे एक आरोपी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। परिजनों के हंगामे और रोष को देखते हुये एसपी ने पांच पुलिसकर्मियों सहित थाना प्रभारी को भी निलंबित कर दिया। मृतक के परिजनों ने परिजन को नौकरी तथा एक करोड़ रूपये का मुआवजा देने की मांग की है। वहीं अब मामले की न्यायिक जांच भी होगी।
इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने आईजी इंदौर, कलेक्टर इंदौर एवं एसडीएम महू से तीन सप्ताह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है। आयोग अध्यक्ष ने इन अधिकारियों से यह भी कहा है कि प्रतिवेदन के साथ सभी दस्तावेज (पीएम रिपोर्ट सहित) भी भेजें। साथ ही मानपुर थाने के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जायें एवं एक वीडियो भी अपने प्रतिवेदन के साथ ही भेजें।
Share This Article