इंदौर। लम्बे समय से चल रही मांगों को लेकर अब मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियों के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने हड़ताल खत्म कर दी है।
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद बिजली कंपनियों के कर्मचारियों और इंजीनियरों के 11 संगठनों के फोरम MPUFPEE ने हड़ताल वापस ले ली है। हड़ताल खत्म होते ही कर्मचारी काम पर लौट आए हैं।
पांच सूत्री मांगों पर कर्मचारियों ने 1 नवंबर से हड़ताल शुरू की थी। मंगलवार को ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव से मुलाकात के बाद मामला हल हुआ। डीए के भुगतान, विलंबित वेतन वृद्धि, वेतन में बढ़ोतरी और दिवाली से पहले बोनस प्रमुख मुद्दे थे।
इनमें से डीए के भुगतान पर मंगलवार को ही आदेश जारी होने की उम्मीद है। वेतनवृद्धि के मसले पर भी सहमति बन गई है। यह 6 किस्तों में दी जाएगी। संविदा और आउटसोर्स किए कर्मचारियों को दिवाली बोनस जारी किया जाएगा।
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी अधिकारियों को आठ प्रतिशत महंगाई भत्ते और वेतन वृद्धि के एरियर की 50 फीसद राशि अक्टूबर महीने के वेतन के साथ ही मिलेगी। इस बीच बिजली कंपनी में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को अब तक उनका वेतन भी नहीं मिला है।
आंदोलन और हड़ताल पर अड़े बिजली कर्मचारियों के आगे ऊर्जा विभाग ने घुटने टेक दिए। भोपाल में मप्र यूनाइटेड फोरम व बिजली कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ ऊर्जा सचिव संजय दुबे की बैठक हुई।
इसके बाद तुरत-फुरत में ऊर्जा सचिव ने सभी बिजली कंपनियों को आदेश जारी कर दिए। नियमित कर्मचारियों के बैंक खातों में वेतनवृद्धि की राशि बुधवार को ही बैंक खातों में भी पहुंच जाएगी।
उल्लेखनीय है कि वेतनवृद्धि का लाभ दीपावली के पहले नहीं दिए जाने पर बिजली कर्मियों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी थी। अधिकारियों के अनुसार टैरिफ आर्डर में पहले से ही वित्त वर्ष 2012-22 के लिए वेतनवृद्धि के हिसाब से बजट व मद स्वीकृत थे।
राज्य कर्मचारियों के लिए आदेश जारी होने के बाद बिजली कंपनियों को इसे तुरंत अंगीकार करना था। इसके बावजूद ऊर्जा विभाग ने जानबूझकर मामले को लालफीताशाही में उलझाने की कोशिश की।
बोर्ड की बैठक में रखने के बाद मंजूरी लेने का अड़ंगा डाला गया। इसके बाद बिजली कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी।