निगम ने कोर्ट में फोटो दिखाकर कहा- स्कूल भवनों के पुनरुद्धार का कार्य जारी
नगर निगम ने हाई कोर्ट में जानकारी दी कि सरकारी स्कूलों के सुधार का काम जारी है। फोटोग्राफ भी कोर्ट को दिए।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट ने कहा वे इस मामले में प्रति उत्तर पेश करना चाहते हैं। कोर्ट ने इसकी अनुमति दे देते हुए सुनवाई आगे बढ़ा दी।
हाई कोर्ट में सरकारी स्कूलों की बदहाली को लेकर जनहित याचिका महादेव चौबे की ओर से एडवोकेट मनीष विजयवर्गीय ने के दायर की है।
याचिका लंबित रहते हुए याचिकाकर्ता की मृत्यु होने के कारण कोर्ट ने उनके पुत्र की ओर से याचिका चलाने की अनुमति दे दी है। मंगलवार को सुनवाई में शासन और निगम का जवाब आ गया।
इसमें कहा है कि स्कूलों की स्थिति लगातार सुधर रही है। कुछ स्थानों पर स्कूल भवन का काम चल रहा है। निगम और शासन लगातार स्कूलों के सुधार के लिए काम कर रहे हैं।
जवाब के साथ फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए गए हैं। याचिकाकर्ता ने निगम और शासन के जवाब पर प्रतिउत्तर देने के लिए समय ले लिया।
याचिका में कहा गया है कि हर साल नगर निगम और नगर पालिका संपत्ति कर के साथ शिक्षा उपकर के रूप में करोड़ों रुपए वसूलती हैं।
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक अकेले इंदौर नगर निगम ने 2017-2018 में शिक्षा उपकर के रूप में नागरिकों से 31 करोड़ 76 लाख वसूले थे।
इसी तरह 2018-19 में 28 करोड़ 50 लाख रुपए से ज्यादा शिक्षा उपकर के रूप में वसूले गए थे। इस रकम से नगर निगम को सरकारी स्कूलों की हालात सुधारना थी।
सरकारी स्कूलों में बिजली-पानी और फर्नीचर के इंतजाम के साथ-साथ शिक्षकों की व्यवस्था भी करना थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इंदौर नगर निगम ने 2018-19 में वसूली 29 करोड़ 50 लाख रुपए में से महज 7 करोड़ 92 लाख रुपए स्कूलों पर खर्च किए। यह रकम भी सिर्फ निर्माण पर खर्च की गई।