Indore News – इन्दौर में 1700 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित योजनाओं के विकास पर 1207.39 करोड़ खर्च करेगा आईडीए

sadbhawnapaati
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जयपाल सिंह की अध्यक्षता में हुई आईडीए बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय
इन्दौर। मुख्यमंत्री श‍िवराजसिंह चौहान के सपनों के शहर ‘इन्दौर’ के चहुमूखी योजनाबद्ध विकास को गति देने के लिए मंगलवार को हुई इन्दौर विकास प्राध‍िकरण की संचालक मंडल बैठक में 1700 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित आईडीए की विभ‍िन्न योजनाओं के विकास के लिए 1207.39 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही स्कीम नं. 97 में निर्माणाधीन ऑडिटोरियम की ‘अत्याधुनिक सुसज्जा’ पर 12 करोड़ रू. खर्च करने के प्रस्ताव को भी बैठक में स्वीकृति दी गई।
इन्दौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा की अध्यक्षता में मंगलवार की दोपहर प्राध‍िकरण के संचालक मंडल की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल, आईडीए के सीईओ विवेक श्रोत्रिय, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता बी.के. चौहान, वन संरक्षक नरेन्द्र पंडवा, नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक एस.के. मुद्गल, म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी के कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री अजय श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। बैठक के प्रारंभ में नव नियुक्त अध्यक्ष का स्वागत किया गया।
संचालक मण्डल द्वारा नवीन टी.पी.एस.-1 (ग्राम खजराना 49.279 हेक्टेयर भूमि राशि रू. 75.01 करोड़), टी.पी.एस.-3 (ग्राम तलावली चांदा, अरण्डीया, मायाखेडी 143.62 हेक्टेयर भूमि राशि रू. 150.34 करोड़), टी.पी.एस.-4 (ग्राम निपानिया व कनाडिया 87.497 हेक्टेयर भूमि राशि रू. 129.05 करोड़), टी.पी.एस.-5 (ग्राम कनाडिया 146.731 हेक्टेयर भूमि राशि रू. 201.94 करोड़) एवं टी.पी.एस.-8 (ग्राम भौरासला, कुमेडी व भांग्या 273.353 हेक्टेयर भूमि राशि रू. 651.05 करोड़) इस प्रकार लगभग 1700 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित इन योजनाओं के अधोसंरचना के विकास कार्य हेतु राशि रूपये 1207.39 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इस स्वीकृति में बाह्य विद्युत विकास व्यय शामिल नही है। इस स्वीकृति से इन्दौर के चहुंमुखी विकास एक नई गति मिलेगी। साथ ही मुख्यमंत्री के सपनों के शहर इन्दौर योजनाबद्ध विकास की ओर अग्रसर होगा।
लीज के नवीनीकरण के लिए गृह निर्माण संस्था की एनओसी अब जरूरी नहीं

इन्दौर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में समाविष्ट गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के पक्ष में लगभग 8500 भूखण्ड आवंटित किये गये है। इन भूखण्डधारियों के निष्पादित लीज डीड के नवीनीकरण के संबंध में संचालक मंडल ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इन्हें संबंधित गृह निर्माण सहकारी संस्था से अनापत्ति की अनिवार्यता से मुक्त किया गया है, जिससे लीज नवीनीकरण का सरलीकरण होकर भूखण्डधारियों का कार्य आसान हो सकेगा। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में इन्दौर शहर अपनी सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण सम्पूर्ण देश में जाना जाता है। सांस्कृतिक गतिविधियों की विभिन्न विधाओं को प्रोत्साहन देकर उनकी गति बढ़ाने के उद्देश्य से योजना क्रमांक 97 भाग-4 स्लाइस 4 में निर्मित ऑडिटोरियम के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इसकी आंतरिक साज-सज्जा, फर्निचर, साउण्ड सिस्टम, फायर फाईटिंग, ऐयर कंडिशनिंग आदि का कार्य प्राधिकरण से ही कराये जाने का निर्णय लिया गया। इस हेतु राशि रूपये 12.00 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। ऑडिटोरियम के पूर्ण हो जाने से क्षेत्र की जनता को एक महत्वपूर्ण सौगात तो मिलेगी ही साथ ही इन्दौर शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों को बढावा भी मिलेगा।
इन प्रस्तावों पर भी हुए निर्णय 
– मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में प्राधिकारी की योजना क्रमांक 94 सेक्टर-एफ में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पूल के द्वितीय चरण हेतु प्राप्त निविदाओं पर विचार करते हुए न्यूनतम निविदादाता की निविदा स्वीकृत की गई।
– प्राधिकारी द्वारा योजना क्रमांक 94 रिंग रोड़ पर नवनिर्मित पिपल्याहाना फ्लाय ओव्हर के नीचे विकसित चार प्ले जोन को ऑपरेट एवं मेंटेनेंस हेतु प्रायवेट एजेंसी नियुक्त करने एवं इस संबंध में आवश्यक शर्तों का अनुमोदन किया गया।
– योजना क्र. 134 में प्लाट नंबर आरसी-11 पर सीनियर सिटीजन बिल्डिंग के निर्माण के लिए प्राप्त निविदाओं पर विचार करते हुए न्यूनतम निविदादाता की निविदा स्वीकृत की गई। इस योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के लिये सर्वसुविधायुक्त आवासीय प्रकोष्ठ बनाने का प्रावधान है, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों हेतु उनकी आवश्यकतानुसार सुविधाओं का समावेश किया गया है।
– संचालक मण्डल ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए एमआर-4 से आईएसबीटी एमआर-10 को जोड़ने वाली 30 मीटर चौड़ी एवं 1.7 कि.मी. लम्बाई में सीमेंट कांक्रीट सड़क का निर्माण नगर निगम के सहयोग से करवाये जाने का निर्णय लिया गया है। चूंकि प्रस्तावित कार्य प्राधिकारी की किसी भी योजना में नहीं होने एवं महत्वपूर्ण मार्ग होने से आईडीए द्वारा 13.6 2 करोड़ रू. की राशि नगर निगम को उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि इस मार्ग के बन जाने से शहर के मध्य भाग से बाईपास होकर आईएसबीटी एवं एमआर-10 तक सीधे पहुंचा जा सकेगा।
– मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप योजना क्रमांक 94 से महालक्ष्मी नगर पहुंच मार्ग का निर्माण करने का निर्णय लिया गया। लगभग 1.3 कि.मी. की लम्बाई के इस मार्ग के लिए प्राप्त निविदाओं पर विचार करते हुए न्यूनतम निविदादाता की निविदा स्वीकृत की गई। इस पर करीब 4.22 करोड़ रू. व्यय होंगे।
– शहर हित में निर्णय लेते हुए योजना क्रमांक 78-। लोहा मंडी से एबी रोड़ को जोड़ने वाले 30 मीटर चौड़े सीमेंन्ट कांक्रीट रोड़ का निर्माण करने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि इस मार्ग को बनाने में सघन अतिक्रमण होने से हाल ही में जिला प्रशासन एवं नगर निगम के सहयोग से इस अतिक्रमण को हटाया गया है। इस मार्ग के बन जाने से ए.बी. रोड़ से लोहा मंडी पहुंच मार्ग सुगम हो सकेगा।
– संचालक मण्डल द्वारा विगत समय में प्राधिकरण परिवार के कर्मचारियों के असमायिक निधन होने से उनके पॉंच आश्र‍ित व्यक्तियों को अनुकम्पा नियुक्ति देने की स्वीकृति प्रदान की गई।

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