इंदौर। वन विभाग के तहत इंदौर वन क्षेत्र में जंगल में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 450 है और वन क्षेत्र भी काफी फैला हुआ है। ऐसे में कर्मचारियों की समस्याएं भी अपार है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। इस तरह की आवाज जब समस्याओं को लेकर गूंजी तो भोपाल तक आवाज पहुंची और वहां से एक पत्र आया कि कर्मचारियों की समस्याएं भी सुनी जाए।
बताया जाता है कि इसके लिए बकायदा बैठक रखी और सभी से आवेदन लिए गए। अब कर्मचारियों का आवेदन तो बड़ी संख्या में आ गए लेकिन समाधान इंदौर मंडल में नहीं है इसलिए अधिकतर शिकायतें भोपाल भेजी जा रही है। इसको लेकर पिछले दिनों ही इस तरह की शिकायतों के आवेदन अधिकतर संख्या में भोपाल भेजने की तैयारी हो गई और वहां पर भेजे जा रहे हैं। वैसे देखा जाए तो वन क्षेत्र में सात प्रमुख जिले आते हैं जिसमें खंडवा, खरगोन से लेकर अलीराजपुर झाबुआ धार बड़वानी तक है। यहां पर कर्मचारियों की संख्या अधिक है परंतु केवल इंदौर वन क्षेत्र के ही कर्मचारियों की शिकायतों व उनकी समस्याओं को लेकर चर्चा तो की गई लेकिन उनका समाधान अब भोपाल भरोसे छोड़ दिया है। पिछले दिनों कई कर्मचारियों ने नाराजगी के चलते शिकायत करते हुए मांग भी रखी है कि कर्मचारियों को कई समस्याओं की सुनवाई नहीं हो रही है और इसके लिए शिविर रखने की बात उठी तो कर्मचारियों से आवेदन तो ले लिए गए लेकिन समस्याएं अब भोपाल ही सुनी जाएगी। इस तरह भी अफसरों द्वारा कहा जा रहा है।
दरअसल कर्मचारी कल्याण शिविर का पत्र आया था और उसी के अंतर्गत कर्मचारियों की समस्याओं के लिए आवेदन लिए गए हैं। अब कर्मचारियों का कहना है कि उनके समस्याओं का समाधान हो फिर चाहे यहां से हो या भोपाल से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन हमारी समस्या का समाधान होना चाहिए। वन क्षेत्र में बेहद परेशानी के चलते कर्मचारी रात और दिन अपने अपने स्तर पर ड्यूटी दे रहे हैं। ऐसे में समस्याओं का समाधान भी होना चाहिए इस तरह की मांग कर रहे हैं।