Indore Airport News.नेशनल मोनेटाइजेशन प्लान के तहत देश के एयरपोर्टों को लीज पर दिया जाएगा। इस सूची में इंदौर एयरपोर्ट भी है। 2022 तक इंदौर एयरपोर्ट का निजीकरण हो जाएगा। इसके बाद एयरपोर्ट पर कई बदलाव आएगा। निजी हाथों में जाते ही इंदौर एयरपोर्ट स्पेशल हो जाएगा। फ्लाइट से लेकर यात्रियों की संख्या तक में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। विदेशों से कनेक्टिविटी भी बढ़ जाएगी। वहीं, इंदौर एयरपोर्ट पर 600 करोड़ की लागत से एक टर्मिनल का निर्माण होना है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एयरपोर्ट के इस टर्मिनल का निर्माण भी निजीकरण के बाद ही होगा। इस टर्मिनल के निर्माण से इंदौर एयरपोर्ट पर यात्रियों की क्षमता में बढ़ोतरी हो जाएगी। कोरोना काल में इंदौर एयरपोर्ट से हर साल 30 से 32 लाख लोग सफर कर रहे थे। इंदौर एयरपोर्ट की क्षमता हर साल 35 लाख यात्रियों की है। जानकारों के अनुसार पहले प्रस्तावित टर्मिनल का निर्माण इसलिए शुरू नहीं हुआ है, इंदौर एयरपोर्ट का नाम निजीकरण की सूची में था।
जानकारी अनुसार निजी हाथों में जाने के बाद इंदौर एयरपोर्ट पर मेट्रो सिटीज की तरह सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होगी। साथ ही फ्लाइट की संख्या भी बढ़ेगी। कोरोना से पहले इंदौर एयरपोर्ट से दिन भर में 100 फ्लाइट उड़ती थीं। अभी 44 फ्लाइट हैं। नए टर्मिनल के निर्माण के बाद यहां फ्लाइट की संख्या में तीन गुनी तक बढ़ोत्तरी हो सकती है। साथ ही बोइंग 747 जैसे बड़े विमान भी यहां उतर सकेंगे। इसके साथ ही रनवे की लंबाई अभी 2750 मीटर हैं। नया टर्मिनल बनने बाद इसकी लंबाई 4250 मीटर हो जाएगा।
इंदौर एयरपोर्ट पर एक ही टर्मिनल है। इसी से डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट उड़ान भरती है। दूसरे टर्मिनल की शुरुआत से फ्लाइट की संख्या और बढ़ जाएगी। 2018-19 से इंदौर एयरपोर्ट से 35 लाख यात्रियों ने सफर किया था। साथ ही नए-नए आउटलेट भी एयरपोर्ट पर खोले जाएंगे। इसके अलावे नाइट पार्किंग की व्यवस्था भी एयरपोर्ट पर होगी।
वहीं, इंदौर एयरपोर्ट पर पहले से हो अंतरराष्ट्रीय कार्गो टर्मिनल है। इसका शुभारंभ मार्च 2021 में किया गया है। कार्गो सर्विस की शुरुआत से इंदौर से सीधे विदेशों के लिए सामान की बुकिंग हो रही है। यहां से खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका और ब्रिटेन के लिए भी कार्गो बुक हो रहे हैं।