पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इंदौर स्थित अपने घर में निशुल्क लाइब्रेरी शुरू की है। एक पत्र के माध्यम से ताई ने कहा था कि चालीस साल में उनके पास किताबों का संग्रह इतना बड़ा और विविध हुआ कि लाइब्रेरी का रूप ले लिया।
Indore News. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का पुस्तक प्रेम जगजाहिर है और इस बार उन्होंने अपने इस प्रेम को जनमानस के साथ बांटा है। ताई ने वसंत पंचमी से एक ऐसी पहल की है जो नजीर बन गई है। अपने जीवन में प्राप्त पुस्तकों से एक निःशुल्क पुस्तकालय की उन्होंने शुरुआत की है।
दरअसल, सुमित्रा महाजन ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि आप जानते हैं कि बचपन से मुझे किताबें पढ़ने में रूचि रही है।
बाद में प्रवचन देती थीं। उस बहाने फिर किताब खरीदना-पढ़ना जारी रहा और अब मेरी रुचि देखकर मेरे मित्र, मेरे रिश्तेदार भी अभी तक मुझे किताबें भेंट करते हैं। गत चालीस साल से मेरी किताबों का संग्रह इतना बड़ा और विविध हो गया।
मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी तथा धार्मिक, साहित्यिक, राजनीतिक एक प्रकार से एक छोटी लाइब्रेरी ही बन गई। इसलिए मैंने सोचा क्यों न मेरी यह लायब्रेरी सबके लिए खुली करूं। ज्ञान तो बांटने से बढ़ता है न। तो मैं अपने निवास 68, मनीषपुरी इंदौर पर निशुल्क लाइब्रेरी प्रारंभ कर रही हूं।
इसका लाभ उठाएं। समय शाम 4 से त्र बजे तक रहेगा। अगर पढ़ने की आपकी रूचि हो तो अपनी रूचि की किताब रजिस्टर में नोट करके ले जाएं और पढ़कर वापस करें।
इस पत्र के बाद वसंत पंचमी पर उमेश शर्मा ने इसका शुभारंभ किया। इस अवसर पर उमेश शर्मा ने कहा कि किताबें विवेक को बढ़ाती हैं। राम मूंदड़ा ने कहा कि किताबों से बड़ा कोई मित्र नहीं।
ताई ने अपने संग्रह को पुस्तकालय में बदल कर कम होती जा रही पढ़ने की प्रवृति को रोकने का अत्युत्तम प्रयास किया है। प्रारम्भ में ताई, महेन्द्र हार्डिया, सुदर्शन गुप्ता, उमेश शर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
संचालन योगेश वर्तक ने किया। इस अवसर पर अशोक डागा, मिलिंद महाजन, सुधीर देड़गे, चंदू माखीजा, सुधीर दांडेकर, दीपिका नाचन, देवेंद्र ईनाणी आदि मौजूद थे।