कोरोना की दूसरी लहर और लॉकडाउन के बाद भी इस वर्ष वाहनों के लिए वीआइपी नंबर की चाहत में कोई कमी नहीं आई। इस साल 1211 वीआइपी नंबर बिके हैं। इससे परिवहन विभाग ने दो करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व प्राप्त किया है। सबसे अधिक कीमत पर कार का एमपी 09 डब्ल्यूजे 0001 नंबर बिका था। इसके लिए शहर के एक उद्योगपति ने 5. 31 लाख रुपये की बोली लगा कर उसे खरीदा था।
1,211 लोगों ने वीआइपी नंबर के लिए खर्च किए दो करोड़ रुपये
परिवहन विभाग द्वारा हर माह दो बार वीआइपी नंबरों की नीलामी आयोजित की जाती है। किसी नंबर के लिए एक से अधिक दावेदार हैं तो अधिकतम बोली लगाने वाले आवेदक को विजेता घोषित किया जाता है। दिसंबर की दूसरी बोली मंगलवार देर रात समाप्त हुई। इसमें 37 नंबरों के लिए बोली लगी थी। आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि इस साल अब तक 1211 वीआइपी नंबर बिके हैं। इनसे विभाग को करीब दो करोड़ का राजस्व मिला है। इस बार कोरोना की दूसरी लहर के कारण लाकडाउन भी था। इसलिए मई में कम नंबर विके थे, लेकिन जुलाई में जब अनलाक हुआ तो सबसे अधिक 170 वीआइपी नंबर बिके थे, जबकि फरवरी में 146 नंबर बिके थे।
दीपावली पर कार नहीं दे पाए डीलर
चार पहिया शाखा प्रभारी रोहित अटूट बताते हैं कि इस बार कार के निर्माण के लिए जरूरी सेमी कंडक्टर की कमी से काफी परेशानी हुई। बुकिंग होने के बाद भी डीलर अपने ग्राहकों को कारें ही नहीं दे पाए। इस कारण भी लोगों ने कम नंबर लिए हैं।
60 दिन में पंजीकरण कराना आवश्यक
दरअसल नंबर लेने के बाद 60 दिनों के भीतर कार पंजीकृत करवाना आवश्यक है। ऐसा नहीं होने पर विभाग नंबर सीज कर लेता है। कारों के कई माडलों पर तो डेढ़ साल तक की एडवांस बुकिंग है। इस कारण कई लोगों ने नंबर नहीं लिए।
कार के लिए अधिक बिकते हैं वीआइपी नंबर
* 0001 नंबर की आधार कीमत है •एक लाख रुपये
* 3 सीरीज के नंबर इस साल कारों के लिए आए अब तक
* 6 सीरीज आई दोपहिया वाहनों के लिए वर्ष 2021 में
(आंकड़े परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार)
(साभार: नवीन यादव – नईदुनिया)