इन्दौर। जिला न्यायालय इंदौर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुबोध कुमार जैन के मार्गदर्शन में 12 मार्च, 2022 (शनिवार) को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्ष में आयोजित होने वाली प्रथम नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित मोटर दुर्घटना दावा, सिविल, विद्युत चोरी से संबंधित, चैक बाउन्स, भरण पोषण, घरेलू हिंसा, श्रम प्रकरण एवं राजीनामा योग्य दांडिक/आपराधिक प्रकरणों एवं प्रीलिटिगेशन मामलों का निराकरण आपसी समझौतों के आधार पर किये जाने हेतु गठित खंडपीठों में भेजे जायेंगे।
सचिव श्रीवास्तव ने बताया कि लोक अदालत में ऐसे प्रकरणों को रखा जाता है, जिनमें पक्षकारों के बीच समझौते की संभावना हो, ऐसे पक्षकारों को लोक अदालत की खंडपीठ द्वारा समझाइश दी जाती है और समझाइश के फलस्वरूप यदि पक्षकारों के मध्य राजीनामे की सहमति बनती है, तो पक्षकारों के मध्य तय शर्तो के अनुसार राजीनामा न्यायालय के समक्ष हो जाता है। लोक अदालत में आपसी राजीनामे के आधार पर प्रकरणों के निराकरण की दशा में पक्षकारों के मध्य संबंध मधुर बने रहते हैं, वहीं न्यायालय से गुण-दोषों के आधार पर फैसले के आधार पर कोई-न-कोई पक्ष असंतुष्ट रह जाता है, जो न्यायालय में फैसले के विरूद्ध वरिष्ठ न्यायालय में कार्यवाही करता है और अदालती कार्यवाही में पक्षकारों का पैसा और समय दोनों ही खर्च होता है। लोक अदालत में मामले का निराकरण समझौते के आधार पर होने पर पैसे और समय दोनों की ही बचत होती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इन्दौर द्वारा ऐसे सभी पक्षकारों जिनके चैक बाउंस के मामले न्यायालयों में लंबित है, जिसमें वे फरियादी/अभियुक्त के रूप में पक्षकार है, ऐसे सभी पक्षकार जिन्हें वाहन दुर्घटना के फलस्वरूप चोटें कारित हुई है या उनके परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो गई है तथा ऐसे पक्षकार जिनके विरूद्ध कोई राजीनामा योग्य दीवानी या आपराधिक प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, जिनमें वे राजीनामा करना चाहते हो या सुलहवार्ता के फलस्वरूप जिनमें राजीनामा की संभावना हो, से अपील की गई है कि वें जिस न्यायालय में उनका मामला लंबित है, उस न्यायालय में राजीनामा के संबंध में वार्ता हेतु उपस्थित होकर 12 मार्च, 2022 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में अपने प्रकरण का निराकरण करायें।
सचिव श्रीवास्तव ने बताया कि लोक अदालत में ऐसे प्रकरणों को रखा जाता है, जिनमें पक्षकारों के बीच समझौते की संभावना हो, ऐसे पक्षकारों को लोक अदालत की खंडपीठ द्वारा समझाइश दी जाती है और समझाइश के फलस्वरूप यदि पक्षकारों के मध्य राजीनामे की सहमति बनती है, तो पक्षकारों के मध्य तय शर्तो के अनुसार राजीनामा न्यायालय के समक्ष हो जाता है। लोक अदालत में आपसी राजीनामे के आधार पर प्रकरणों के निराकरण की दशा में पक्षकारों के मध्य संबंध मधुर बने रहते हैं, वहीं न्यायालय से गुण-दोषों के आधार पर फैसले के आधार पर कोई-न-कोई पक्ष असंतुष्ट रह जाता है, जो न्यायालय में फैसले के विरूद्ध वरिष्ठ न्यायालय में कार्यवाही करता है और अदालती कार्यवाही में पक्षकारों का पैसा और समय दोनों ही खर्च होता है। लोक अदालत में मामले का निराकरण समझौते के आधार पर होने पर पैसे और समय दोनों की ही बचत होती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इन्दौर द्वारा ऐसे सभी पक्षकारों जिनके चैक बाउंस के मामले न्यायालयों में लंबित है, जिसमें वे फरियादी/अभियुक्त के रूप में पक्षकार है, ऐसे सभी पक्षकार जिन्हें वाहन दुर्घटना के फलस्वरूप चोटें कारित हुई है या उनके परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो गई है तथा ऐसे पक्षकार जिनके विरूद्ध कोई राजीनामा योग्य दीवानी या आपराधिक प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, जिनमें वे राजीनामा करना चाहते हो या सुलहवार्ता के फलस्वरूप जिनमें राजीनामा की संभावना हो, से अपील की गई है कि वें जिस न्यायालय में उनका मामला लंबित है, उस न्यायालय में राजीनामा के संबंध में वार्ता हेतु उपस्थित होकर 12 मार्च, 2022 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में अपने प्रकरण का निराकरण करायें।