मानपुर तक जाकर खेतों में घुसकर कार्रवाई
इंदौर। रेत माफिया और जिला प्रशासन के बीच ‘दौड़ बिल्ली चूहा आया’ या यूं कहें ‘एक डाल डाल दूसरा पात पात’ का खेल चल रहा है। प्रशासन को मानपुर के खेतों में खड़े किए गए ट्रकों पर कार्रवाई करनी पड़ी।
कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में मानपुर में दस ट्रक पकड़े गए। दो खाली होकर खड़े थे। आठ में रेती भरी हुई थी इनमें से सिर्फ तीन के पास ही रेती परिवहन के परमिट थे।
एस.डी.एम अक्षय कुमार जैन, नायब तहसीलदार ओ.पी. बेड़ा ने मारपुर के पास मां वैष्णोदेवी आटो मोबाइल से लगी जमीन का अचानक निरीक्षण किया। वहां खाली पड़ी जमीन पर दस ट्रक खड़े थे 8 में रेत भरी थी।
दो खाली थे। कुल दस ट्रक में से तीन के पास ही बालू रेती परिवहन के अधिकृत परमिट थे। 3 ट्रकों की परमिट की समयावधि खत्म हो चुकी थी।
ये ट्रक गैरकानूनी रूप से रेती दूसरे जिलों से लाकर मानपुर से सप्लाय करते थे। एसडीएम ने खनिज विभाग को निर्देश दिया कि वह जांच पड़ताल कर ट्रकों के मालिकों से पैनल्टी जुर्माना वसूले। ट्रकों के मालिक अनिल राठौर? अंकित राठौर, शुभम राठौर, अंकित पिता गणेश हैं।
खेतों में बजरी रेती
इंदौर के गंभीर नदी क्षेत्र में यशवंत सागर से नीचे खांड्या, बडोदिया, अरनिया, मांगलिया क्षेत्र में गंभीर की बजरी रेती को खेती में स्टाक कर धीरे-धीरे छोटी गाड़ियों में ले जाने का धंधा जोरों पर चलता है।
डकाच्या क्षेत्र में भी खेतों में खेती की बजाय खेत रेती स्टोरेज के लिए खाली रखे जाते हैं। कई जगह रेती के ढेर देखे जा सकते हैं।
अब तक खेत में कौन अफसर आएगा की बात कही जाती थी लेकिन अब अफसर शहर से दूर मानपुर तक रेती पकड़ने लग गए हैं।