कपड़े पर बढ़ाए जा रहे जीएसटी और ई-वे बिल की अनिवार्यता के खिलाफ प्रदेशभर के कपड़ा व्यापारी एक जुट होकर विरोध आंदोलन शुरू करेंगे। मंगलवार को इंदौर में हुई बैठक में 15 से ज्यादा शहर व कस्बों के कपड़ा कारोबारियों ने यह तय किया। मप्र वस्त्र व्यापारी महासंघ ने जीएसटी के बदले प्रावधानों के खिलाफ बैठक बुलाई थी। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि प्रदेश स्तर पर एक जीएसटी संघर्ष समिति गठित होगी। दो दिन में विरोध आंदोलन की शुरुआत होगी। पूरे प्रदेश में एक समय पर और एक साथ विरोध प्रदर्शन होगा। फिलहाल विरोध आंदोलन में बाजार बंद पर सहमति नहीं बनी है।
लोहरपट्टी स्थित खंडेलवाल धर्मशाला में कपड़ा कारोबारियों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में इंदौर के थोक कपड़ा कारोबारियों के साथ मंदसौर, नीमच, मनासा, ग्वालियर, सिरोज, उज्जैन, गंजबासौदा, बुरहानपुर सतना, जबलपुर, विदिशा, बैरागढ़, नागदा, देवास समेत अन्य शहरों के कारोबारियों ने भाग लिया। बैठक में व्यापारी बाह पर काली पट्टी बांधकर शामिल हुए। वस्त्र व्यापारी संघ की बैठक में इंदौर से अहिल्या चेंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल, प्लायवुड व्यापारी एसोसिएशन के नरेंद्र वाफना और रिटेल रेडिमेड गारमेंट व्यापारी एसोसिएशन के सदस्य भी मौजूद रहे। प्रस्ताव दिया गया कि जीएसटी की दर केंद्रीय जीएसटी काउंसिल का विषय है और ई-वे बिल का प्रावधान राज्य का आगे व्यापारी राज्य के वित्त व वाणिज्यकर मंत्री से मिलेंगे। उससे पहले जीएसटी संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध आंदोलन शुरू हो प्रदेशभर के बाजारों में एक दिन एक साथ कुछ समय के लिए लाइट बुझाकर ब्लैकआउट किया जाएगा। इंदौर में राजबाड़ा पर व्यापारी काले कपड़ों में मानव श्रृंखला बनाएंगे। जीएसटी संघर्ष समिति दिन व समय तय कर सभी व्यापारियों को सूचित करेगी। जीएसटी बढ़ रही दरों का विरोध करने के लिए राष्ट्रीय स्तर और प्रमुख कपड़ा उत्पादक मंडियों के व्यापारी संघों से संपर्क कर विरोध आंदोलन तय किया जाएगा। राष्ट्रीय संघों से तय कर बंद को लेकर फैसला होगा। बैठक को मप्र व्यापारी संघ के अध्यक्ष हंसराज जैन, इंदौर क्लाथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन के मंत्री कैलाश मूंगड़ के साथ जीएसटी संघर्ष समिति के प्रचार प्रमुख अरुण बाकलीवाल मौजूद थे।