सराहनीय काम : इंदौर में हजारों प्रॉपर्टी एजेंट रजिस्टर्ड सिर्फ 700, आखिर क्यों न हो कार्रवाई
Indore News. शहर में करीब 10 से 15 हजार लोग प्रापर्टी ब्रोकर का काम कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति जो कुछ नहीं करता है, वह प्रॉपर्टी का काम करने लगता है। जानकारी नहीं होने से वह लोगों के साथ खिलवाड़ करता है। इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। जो डायरी पर सौदे कर रहे हैं, हम उन्हें चेतावनी दे रहे हैं कि सभी प्रकार की अनुमतियों के बिना किसी भी संपत्ति को बेच कर लोगों के साथ धोखाधड़ी नहीं करें।
कलेक्टर मनीष सिंह ने जिले के सभी अपर कलेक्टर्स, एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि सादी डायरी, सामान्य दस्तावेजों के आधार पर किए जा रहे सौदों के संबंध में खरीददारों के अधिकारों का संरक्षण करें तथा यह सुनिश्चित करें कि उनके साथ डायरी आधारित धोखाधडी न हो। ऐसे कॉलोनाइजर, दलाल, एजेंट जो किसी भी प्रकार से आमजन के साथ धोखाधडी करते हुए पाए जाए उसकी पूरी तरह राजस्व जांच करें। फिर रिपोर्ट तैयार कर संबंधित अपर कलेक्टर की अनुमोदन पर संबंधित थाने में केस दर्ज करवाएं।
कलेक्टर ने कहा कि अधिकारी संबंधित क्षेत्र में डेवलप हो रही कॉलोनियों का लगातार भ्रमण करते रहे। वहां लोगों से चर्चा करें कि उन्हें किसी प्रकार को समस्या तो नहीं है। अपने स्वयं के सूचना तंत्र से ऐसे कॉलोनाइजर्स की जानकारी एकत्रित करें जो खुद की हैसियत से अधिक वित्तीय भार वाली कॉलोनियों में डायरियों व अपने दलालों के साथ लिप्त हैं। डायरी पर सौदे संबंध में किसी की कोई शिकायत आती है तो उसे लिखित में प्राप्त करें। ऐसी शिकायत पर कॉलोनाइजर से तथा उनके दलालों से पूछताछ करें। शिकायतकर्ता को कम से कम समय में निपटारा कर न्याय दिलवाएं तथा फिर ऐसे केसों में कॉलोनाइजर, दलालों को दी गई राशि पर क्या टैक्स का भुगतान हो चुका है, जांच करें। सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में स्थित ऐसी सभी कालोनियों जहां प्लॉट डायरी आधारित व्यवस्था पर बेचे जाना पाए जाते हैं, कार्रवाई करें। सभी दलालों का रेरा रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्रेशन के अगर कोई दलाली करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करें।
6 प्रॉपर्टी दलालों की पेशी, डेमला को भेजा जेल
इधर, पिछले दिनों जिला प्रशासन ने 9 दलालों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे, उसमें गुरुवार को अपर कलेक्टर राजेश राठौर की कोर्ट मेंं दलाल संजय मालानी, सुनील जैन, गौतम जैन, गणेश खंडेलवाल, कमल गोयल व उमेश डेमला की पेशी हुई। इनमें से 5 दलालों को बॉण्ड ओवर किया गया जबकि उमेश डेमला को 107 और 116 सीआरपीसी के तहत जेल भेज दिया गया। डेमला ने डायरियों पर सबसे अधिक माल बेचा है जिसमें शहर के चर्चित ग्रुप और कॉलोनाइजर शामिल रहे।
शहर के ब्रोकरों के लिए नगर निगम से लाइसेंस देने की व्यवस्था पर काम किया जा रहा हैै। जल्द ही सभी ब्रोकरों को लाइसेंस लेना होगा। सभी ब्रोकरों के पास रेरा का लाइसेंस होना चाहिए। इस पर एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि दोनों संगठनों में कुल 198 सदस्य ही रजिस्टर्ड हैं।
विज्ञापनों में सभी अनुमतियों की जानकारी भी दें
डायरी फाइनेंस करवाने वालों पर रहेगी सख्ती