News – 1
अन्न उत्सव का आयोजन 7 फरवरी को

इन्दौर। शासन निर्देशानुसार वर्तमान में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत माह जनवरी एवं फरवरी 2022 का एकमुश्त (दो माह का) खाद्यान्न वितरण कराया जा रहा है।
खाद्य शाखा के प्रभारी अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने बताया कि इसी क्रम में 07 फरवरी 2022 को अन्न उत्सव का आयोजन होगा, जिसमें जिले की समस्त उचित मूल्य दुकानों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सतर्कता समिति व नोडल अधिकारी की उपस्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को उनकी पात्रता अनुसार जनवरी एवं फरवरी 2022 का राशन प्रदाय किया जायेगा। अन्न उत्सव के दिन हितग्राहियों से राशन वितरण के संबंध में फीडबैक फार्म भी भरवाया जायेगा।
News – 2
रोजगार सहायक के परिजनों को 51 हजार रुपए की आर्थिक सहायता

इन्दौर। इन्दौर संभाग के झाबुआ जिले की ग्राम पंचायत गोला के रोजगार सहायक रमेश मेडा की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को 51 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी गई।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन एवं जनपद पंचायत झाबुआ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अर्पित गुप्ता एवं ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक परिवार द्वारा स्व. रमेश मेडा की माताजी को 51 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
News – 3
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत जागरूकता अभियान 21 फरवरी से

इन्दौर। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना की समीक्षा भारत सरकार द्वारा नियमित तौर पर की जाती है।
इस योजना के तहत राज्य की देश के प्रथम 10 राज्यों में उपलब्धि रही है। योजना को बढ़ावा देने के लिये पूर्व में औद्योगिक क्षेत्रों में कैंप लगाकर हितग्राहियों को योजना संबंधी जानकारी दी गई थी, जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए थे।
जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाते हुए अब ऐसे क्षेत्र, जहां बड़ी कालोनियों का निर्माण कार्य, सड़क निर्माण कार्य, शासकीय भवनों का निर्माण, रेल्वे तथा अन्य अद्योसंरचना के निर्माण कार्य में लगे विभिन्न प्रदेशों तथा राज्य के अन्य जिलों से आए प्रवासी मजदूरों को जागरूकता अभियान चलाकर योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए 21 फरवरी 2022 से जागरूकता अभियान आयोजित किया जाएगा।
News – 4
रैन बसेरों के बाहर बैठते हैं भीतर नहीं जाते

शनिदेव के नाम पर आज भिखारियों का जमावड़ा होगा सड़कों पर
इंदौर। फिल्म कालोनी के पास सरकारी रैन बसेरे का संचालन किया जाता हैं। भिक्षुक व बेसहारा लोगों को ठहरने, सोने, खाने-पीने की सारी व्यवस्थाएं सरकार ने कर रखी है फिर भी भिक्षुक बाहर बैठे देखे जा सकते हैं।
रात को भी भिक्षुक फुटपाथों पर डटे रहते हैं लेकिन रैन बसेरों की सुविधा का लाभ नहीं लेते है। शास्त्री ओवर ब्रिज से हटाए गए भिक्षुक रात के साथ दिन में भी फुटपाथ पर नजर आने आते हैं।
सरकार ने भिक्षुकों के लिए सारी व्यवस्थाएं कर रखी है जिनका वे लाभ लेना नहीं चाहते है।
सड़कों पर मंदिरों दरगाहों पर बैठने वाले भिखारी दिनभर में हजार से पंद्रह सौ रूपए तक भीख में इकट्ठा कर लेते हैं इसलिए रैन बसेरों में बसेरा करने में उनकी रूचि नहीं रहती है। शनिदेव के नाम पर आज इंदौर में कम से कम ढाई तीन हजार भिखारी भीख मांगते तेल इकट्ठा कर बेचते नजर आएंगे।