Indore Top News: शहर अब 24 घंटे रोशन : पहले चरण में 11.4 किमी बीआरटीएस कॉरिडोर के दोनों ओर खुलेंगे कार्यालय-प्रतिष्ठान

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शहर भी 30 शहरों में होगा शामिल जहां रात भर धड़कती है अर्थव्यवस्था

इकोनॉमी में टर्निंग पॉईंट – प्रदेश के पहले शहर में नाइट इकोनॉमी का आगाज, प्रशासन का आदेश लागू , एप/
पोर्टल 311 पर अपना पंजीयन कराना अनिवार्य

आईटी, बीपीओ, स्टार्ट अप व एक्सपोर्ट कारोबार को लगेंगे पंख

निरंजनपुर चौराहा से राजीव गांधी चौराहा तक व्यावसायिक, औद्योगिक व रेस्टोरेंट संस्थान रहेंगे खुले
इंदौर। सरकार व प्रशासन ने शहर संचालन की व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए शहर को 24 घंटे, 7 दिन खुला रखने का आदेश करते हुए नाइट कल्चर का श्रीगणेश कर दिया है। अब प्रदेश की औद्योगिक-व्यावसायिक राजधानी इंदौर के बाजार रात-दिन खुले रह सकेंगे। पहले चरण में शहर की सबसे तेज धड़कने वाली बीआरटीएस को खोला जाएगा। राजीव गांधी चौराहे से निरंजनपुर देवास नाका तक 11.4 किमी के बीआरटीएस के दोनों ओर 100-100 मीटर के क्षेत्र में खुले रहेंगे।

शहर की अर्थ व्यवस्था में नाइट इकानामी की यह शुरुआत टर्निंग प्वाइंट साबित होगी। इससे आईटी, स्टार्ट अप व एक्सपोर्ट के क्षेत्र में पश्चिमी व यूरोपीय देशों के साथ कारोबार को नए आयाम मिलेंगे। इंदौर देश के दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे 30 महानगरों का भी हिस्सा बन जाएगा, जहां 24 घंटे कामकाज होता है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बुधवार को इस ऐतिहासिक निर्णय को आगे बढ़ाते हुए प्रशासनिक आदेश जारी कर दिए।

अब कंपनियां अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसे देशों के साथ आसानी से रात में भी काम कर सकेंगी, क्योंकि इन देशों में इस समय दिन होता है। कलेक्टर सिंह ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए है। शहर को चलायमान रखने के लिए जीपीएस आधारित लोक परिवहन और निगरानी के लिए हाई डिफलेक्शन कैमरे का इंतजाम किया है। बता दें, 26 जनवरी को आयोजित स्टार्ट इन कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष आईटी व स्टार्टअप कंपनियों ने यह मांग उठाई थी। इस पर उन्होंने तत्काल घोषणा कर आवश्यक बदलाव के निर्देश दिए थे।

LOGO एवं 311 एप
बीआरटीएस पर जो कारोबारी रात्रि में अपना प्रतिष्ठान खुला रखना चाहता है, उन्हें निर्धारित ऑनलाईन नगर निगम के एप/पोर्टल 311 पर अपना पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। प्रतिष्ठान को सुलभ दृष्टिगोचर होने वाले स्थान पर इंदौर का निर्धारित LOGO लगाना अनिवार्य होगा। इन्दौर LOGO लगाने से लाभ यह होगा कि नागरिकों को यह मालूम पड़ेगा कि कौन सी स्थापना रात्रि में खुली रहेगी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।