इंदौर को मिलेंगे नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन, रालामंडल का होगा विकास और उमड़ी खेड़ा में बनेगा साइकिलिंग ट्रैक

sadbhawnapaati
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जल संसाधन मंत्री सिलावट के आमंत्रण पर वन मंत्री विजय शाह पहुंचे इंदौर

Indore News .रालामंडल और उमड़ी खेड़ा के रूप में इन्दौर को पूर्ण विकसित नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन मिलेंगे। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट की पहल पर दोनों स्थानों को और विकसित करने के लिए योजना को ठोस रूप दिया जाएगा। मंत्री सिलावट के आमंत्रण पर वन मंत्री विजय शाह इंदौर पहुंचे और रालामंडल में प्रशासन और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर श्री मनीष सिंह, मुख्य वन संरक्षक श्री हरिशंकर मोहन्ता सहित वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष श्री मधु वर्मा उपस्थित थे।
भोपाल में जिस तरह से वन विहार है, उसी तर्ज पर इसे विकसित किया जायेगा । मंत्री तुलसीराम सिलावट ने ज़ोर दिया कि रालामंडल की परिधि में वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ाई जाए। वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि इसके लिए पानी के संसाधनों का निर्मित किया जाना बेहद जरूरी है। बैठक में मधु वर्मा ने कहा कि यहाँ लिम्बोदी तालाब अथवा नर्मदा-गंभीर लिंक से पानी की उपलब्धता बनायी जा सकती है। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि वन विभाग मनरेगा के तहत तालाब बनाने पर भी विचार करें।

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 प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल ने कहा कि रालामंडल एक वन्य अभ्यारण्य है। यहाँ पर अन्य स्थानों से हिरण लाये जा सकते हैं। इसके लिए इसकी होल्डिंग कैपेसिटी का आकलन किया जाना जरूरी है। वन मंत्री श्री विजय शाह ने निर्देश दिए कि अन्य स्थानों से जहाँ वन्य प्राणी भटक कर आ जाते हैं उन्हें पकड़कर रालामंडल में छोड़ा जाए और एक प्रकार से यह ऐसे जानवरों की शरण स्थली के रूप में विकसित हो। बैठक में रालामंडल में वॉकिंग ट्रेक के संबंध में भी विस्तार से चर्चा हुई।
रालामंडल में चीता और तेंदुआ जैसे जानवरों को रखे जाने की संभावना पर भी विचार किया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में यहाँ रालामंडल में वॉकिंग- ट्रेक  इंदौर वासियों के बीच लोकप्रिय है। और यहाँ बड़ी संख्या में नागरिक सप्ताहांत में ट्रेकिंग के लिए आते हैं। साथ ही पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित शिकार गृह तक जाकर शहर का नज़ारा देखते हैं। यहाँ चीता रखे जाने की स्थिति में वॉकिंग ट्रेल बंद करना होगा, क्योंकि यह पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी होगा। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वॉकिंग ट्रेल बंद करने या चीता और तेंदुआ जैसे जानवरों को यहाँ रखे जाने के संबंध में इंदौर के नागरिकों और संस्थाओं का अभिमत भी प्राप्त किया जाए।
बैठक में देवगुराड़िया एवं रालामंडल के बीच रोपवे के संचालन पर भी चर्चा की गई और इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव और योजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में नाइट सफारी शीघ्र प्रारंभ किए जाने पर भी सहमति बनी। यहाँ बटरफ़्लाई पार्क भी विकसित किए जाने पर निर्णय लिया गया। रालामंडल के निकट स्थित वन विभाग के डिपो में यह बटरफ्लाई पार्क बनाया जाएगा। जहाँ पर विभिन्न प्रजाति की तितलियों को संरक्षित किया जाएगा।

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