इंदौर के बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू, निजीकरण का कर रहे विरोध 

sadbhawnapaati
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इंदौर. बैंक उद्योग की तीन प्रमुख कर्मचारी व अधिकारी यूनियंस के आह्वान पर देश के लगभग साढ़े चार लाख बैंककर्मी दो-दिवसीय हड़ताल पर चले गए। इस बैंक हड़ताल में बारह सार्वजनिक बैंकों में से ग्यारह बैंक, दस निजी क्षेत्र की बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, संगठित सहकारी बैंक तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में बैंक कार्य ठप रहा।

इंदौर नगर के बैंककर्मियों ने सुबह 10 बजे से रानी सती गेट स्थित बैंक ऑफ इंडिया परिसर में एकत्रित होकर जंगी प्रदर्शन करने के बाद जुलूस के रूप में नारे लगाते हुए लैंटर्न होटल चौराहा, रेसकोर्स रोड, जंजीरवाला चौराहे से आगे कैथोलिक सीरियन बैंक के परिसर में पहुंचे।

वहां हड़ताली बैंककर्मियों की सभा को मप्र बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव आलोक खरे तथा मप्र बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन के चेयरमैन मोहन कृष्ण शुक्ला ने संबोधित करते हुए कहा कि यह हड़ताल बैंकों का निजीकरण कर उन्हें पूंजीपतियों के हवाले करने, बैंककर्मियों की लंबित मांगों की अनदेखी करने के विरोध में तथा केंद्रीय श्रम संगठनों की मांगों, जनता की बैंक जमा पर ब्याज दर में वृद्धि, बैंक चार्जेस में कमी, युवा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना की बहाली, पेंशन भुगतान के अपडेशन, पांच दिन का बैंक सप्ताह आदि मांगों के समर्थन में की गई है।
इसमें इंदौर नगर के दो हजार से अधिक बैंककर्मियों के शामिल होने से नगर की 670 बैंक शाखाओं में से 400 से अधिक शाखाओं में बैंक कार्य बंद रहा। इससे लगभग एक लाख करोड़ का कुल बैंक व्यवसाय प्रभावित हुआ। बैंककर्मियों की रैली में बड़ी संख्या में महिला बैंककर्मियों ने तीन किलोमीटर लंबे रास्ते में धूप चलते हुए नारे लगाए।
सभी बैंककर्मियों से आग्रह किया कि कल 29 मार्च  को दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय (मोती तबेला) परिसर में एकत्रित होकर प्रदर्शन करके ज्ञापन में शामिल हों।
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