कलेक्टर आदित्य सिंह के नेतृत्व में अशोकनगर जिले का क्रांतिकारी परिवर्तन: रेवा शक्ति, हृदय अभियान और एकल सेवा पोर्टल की शुरुआत

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अशोकनगर । मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में प्रशासनिक नवाचार की नई मिसाल पेश करते हुए कलेक्टर आदित्य सिंह ने रेवा शक्ति अभियान, हृदय अभियान और एकल सेवा पोर्टल का शुभारंभ किया। 2014 बैच के आईएएस अधिकारी आदित्य सिंह, जो अपनी एम्पैथी, इनोवेटिव अप्रोच और ग्रासरूट्स स्तर पर काम करने के लिए जाने जाते हैं, ने पहले हरदा जिले में कलेक्टर रहते हुए गर्ल चाइल्ड प्रमोशन और कुपोषण मुक्ति के सफल प्रयास किए थे। अब अशोकनगर में उनके नेतृत्व में ये अभियान जिले को कुपोषण मुक्त, लिंग अनुपात में संतुलित और नागरिक सेवाओं में पारदर्शी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। कलेक्टर सिंह की दूरदर्शिता और समर्पण से सभी विभागों को एकजुट कर ये योजनाएं लागू की जा रही हैं, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकती हैं।
कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया कि ये नवाचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि अशोकनगर जिला न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में विकास का मॉडल बने।” केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन अभियानों का रिमोट से शुभारंभ किया और कलेक्टर सिंह की सराहना की।


रेवा शक्ति अभियान: बेटियों के सम्मान और सशक्तिकरण की अनोखी पहल
रेवा शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिले के घटते लिंग अनुपात को बढ़ाना है। अशोकनगर जिले का लिंग अनुपात वर्तमान में 887 है, जो मध्य प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में काफी कम है। कलेक्टर सिंह ने बताया कि अभियान का नाम प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी के नाम पर रखा गया है, जो बेटियों को शक्ति का प्रतीक मानता है। इस अभियान के तहत बेटियों के जन्म को उत्सव के रूप में मनाया जाएगा और समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच विकसित की जाएगी।


अभियान की प्रमुख विशेषताएं:
कीर्ति कार्ड: एक या दो बालिकाओं वाले परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें कीर्ति कार्ड प्रदान किया जाएगा। जिले में ऐसे 11,417 परिवारों को चिन्हित किया गया है। यह कार्ड परिवारों को समाज में सम्मान दिलाएगा और विशेष सुविधाएं प्रदान करेगा, जैसे निजी स्कूल-कॉलेज में फीस छूट, कोचिंग संस्थानों में छूट, बसों में किराया छूट, अस्पतालों में इलाज में छूट, पर्यटन स्थलों पर छूट, होटल-रेस्टोरेंट में छूट, जनसुनवाई में क्यूलेस आवेदन और शासकीय कार्यालयों में प्राथमिकता।
रेवा मित्र कार्ड: निजी सेवा प्रदाताओं (जैसे अस्पताल, मेडिकल स्टोर, किराना दुकान, स्कूल, कोचिंग सेंटर, बस ऑपरेटर) को रेवा मित्र के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। जिले में अब तक 1,000 से अधिक प्रदाताओं ने पंजीकरण कराया है। उन्हें रेवा मित्र कार्ड दिया जाएगा, और उनके प्रतिष्ठानों पर विशेष बोर्ड लगाए जाएंगे। यह समाज में बेटियों के जन्म के प्रति सकारात्मक वातावरण बनाएगा।
डॉटर्स क्लब: बालिकाओं के लिए डॉटर्स क्लब स्थापित किए जाएंगे, जहां प्रत्येक माह कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में स्नेह सम्मेलन आयोजित होंगे। यहां प्रतिभाशाली बालिकाओं को सम्मानित किया जाएगा, समस्याओं का त्वरित निराकरण होगा, और क्राफ्ट प्रशिक्षण, व्यावसायिक शिक्षा तथा लाइब्रेरी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
कीर्ति कॉर्नर: सभी शासकीय कार्यालयों में कीर्ति कॉर्नर स्थापित होंगे, जहां कीर्ति कार्ड धारकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
सम्मान समारोह: गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर चिन्हित परिवारों और रेवा मित्रों को सार्वजनिक सम्मान दिया जाएगा।
अभियान के लिए विशेष पोर्टल https://rewashakti.mpon-line.gov.in/ तैयार किया गया है, जहां पंजीकरण, कार्ड डाउनलोड और आवेदन स्थिति देखी जा सकती है। कलेक्टर सिंह ने कहा कि यह अभियान लिंग अनुपात में क्रांति लाएगा और बेटियों को बोझ नहीं बल्कि दुर्गा-लक्ष्मी का रूप मानने की सोच को मजबूत करेगा।


हृदय अभियान: कुपोषण मुक्ति की दिशा में मोरिंगा का जादू
कलेक्टर आदित्य सिंह की दूरदर्शिता का एक और उदाहरण है हृदय अभियान, जो स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा को जोड़कर जिले को कुपोषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखता है। मध्य प्रदेश में कुपोषण एक बड़ी चुनौती है, जहां NFHS-5 के अनुसार स्टंटिंग की दर 42% से घटकर 35.7% हुई है, लेकिन अशोकनगर में स्टंटेड बच्चों की संख्या 47% से बढ़कर 51% हो गई है। अंडरवेट बच्चों की दर 28% से 29% पहुंच गई है। कलेक्टर सिंह, जो हरदा जिले में मोरिंगा-आधारित पायलट प्रोजेक्ट से 99% बच्चों को कुपोषण मुक्त कर चुके हैं, अब अशोकनगर में इसे पूरे जिले पर लागू कर रहे हैं। वे कहते हैं, “हम अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से जांच करवाकर अशोकनगर को देश का पहला कुपोषण मुक्त जिला घोषित करेंगे।”
अभियान की मुख्य विशेषताएं:
कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं का सर्वेक्षण और चिन्हांकन।
सभी विभागों की जिम्मेदारी तय कर सामाजिक सुधार।
समाजसेवियों की टीमें उन क्षेत्रों में पहुंचेंगी जहां कुपोषण अधिक है, और स्वास्थ्य, स्वच्छता की जानकारी देंगी।

मोरिंगा का उपयोग: यह सुपरफूड कुपोषण से लड़ने में चमत्कारी है। मोरिंगा की पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन A (पालक से 4 गुना), विटामिन C (संतरे से 7 गुना), आयरन (पालक से 9 गुना), कैल्शियम (दूध से 4 गुना) और पोटैशियम (केले से 3 गुना) होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। बच्चों के लिए चॉकलेट फ्लेवर वाले मोरिंगा उत्पाद दिए जाएंगे, जो उन्हें पसंद आएंगे और कुपोषण को तेजी से कम करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी भी मोरिंगा को पसंद करते हैं, और यह वैश्विक स्तर पर कुपोषण से लड़ाई में प्रमाणित है।
गर्भवती महिलाओं को पोषण किट वितरित।
कलेक्टर सिंह की यह पहल मध्य प्रदेश को कुपोषण मुक्त राज्य बनाने की दिशा में प्रेरणा देगी, जहां वर्तमान में राज्य कुपोषण में दूसरे स्थान पर है।


एकल सेवा पोर्टल: नागरिक सेवाओं का एकल केंद्र
एकल सेवा पोर्टल सूचना, सेवा और समाधान का केंद्र बनेगा। नागरिक व्यक्तिगत या सामूहिक आवेदन दर्ज कर सकेंगे, और जिला प्रशासन द्वारा उनकी सतत मॉनिटरिंग की जाएगी। यह पोर्टल पारदर्शिता बढ़ाएगा और शासकीय प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा।
शुभारंभ कार्यक्रम में मानस भवन में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने रिमोट से अभियानों का उद्घाटन किया। कीर्ति कार्ड, रेवा मित्र कार्ड, पोषण किट और खेल सामग्री का वितरण किया गया। मुंगावली विधायक बृजेंद्र सिंह यादव, नगरपालिका अध्यक्ष नीरज मनोरिया, पूर्व विधायक जजपाल सिंह जज्जी, पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा सहित जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित रहे।
कलेक्टर आदित्य सिंह, जिन्होंने हरदा में भी इसी तरह के नवाचारों से प्रशंसा बटोरी है, अब अशोकनगर को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। उनकी योजनाएं न केवल जिले बल्कि देश के विकास को प्रशस्त करेंगी।

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