सभी जन्म-मृत्यु की घटना की जानकारी संबंधित निकायों को तुरंत देने के लिये निजी चिकित्सालयों को दिये गये निर्देश – कलेक्टर 

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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इन्दौर। कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी निजी चिकित्सालयों के प्रबंधकों और व्यवस्थापकों को पत्र लिखकर निर्देश दिये हैं कि वे अपने संस्थानों होने वाली सभी जन्म-मृत्यु की घटना की जानकारी संबंधित निकायों को तुरंत देवें। जन्म-मृत्यु की घटना की जानकारी तुरंत संबंधित निकायों को देने से जन्म-मृत्यु का प्रमाण-पत्र बनाने में आसानी होती है।
प्राय: यह देखा गया है कि निजी चिकित्सालयों द्वारा जन्म-मृत्यु की घटना की जानकारी देने में विलंब किया जा रहा है, जिससे की संबंधित परिजनों को जन्म-मृत्यु का प्रमाण-पत्र देने में भी विलंब होता है।
विलंब होने से हितग्राहियों को परेशानी होती है और वे सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य माध्यमों से शिकायतें कर रहे हैं।
सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों का निराकरण भी निजी चिकित्सालयों द्वारा समय पर दी जाने वाली जानकारी के आधार पर होता है।
इसके मद्देनजर कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी निजी चिकित्सालयों के प्रबंधकों और व्यवस्थापकों को पत्र लिखकर निर्देश दिये हैं कि वे अपने संस्थानों होने वाली सभी जन्म-मृत्यु की घटना की जानकारी संबंधित निकायों को तुरंत देवें।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।