भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अब ऊर्जस सॉफ्टवेयर को अपना लिया है। कंपनी के वेब पोर्टल (एमपीसीजेड.को.इन) से ऊर्जस विकल्प को जोड़ा गया है, जिससे उपभोक्ताओं को आसानी से बिजली का कनेक्शन मिल सकेगा। साथ ही भार वृद्धि व नाम परिवर्तन भी इस सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन हो जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा।
कंपनी अब तक बिजली कनेक्शन देने के लिए निजी कंपनी का संकल्प सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रही थी। इसमें बिजली के लिए आवेदन करने में काफी दिक्कत आती थी, कई विकल्प भी समझ नहीं आते थे। इधर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर में ऊर्जस सॉफ्टवेयर संचालित होता था। मध्य क्षेत्र की तुलना में पश्चिमी क्षेत्र बिजली कंपनी के उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलती थीं, क्योंकि इस साफ्टवेयर को बिजली कंपनी ने ही तैयार किया था। प्रदेश के हर व्यक्ति को एक समान सुविधा मिल सके, इसलिए ऊर्जस को अपनाया है। इस साफ्टवेयर को लागू करने के लिए करीब एक माह से नए कनेक्शन के आवेदन लंबित थे। अब यह साफ्टवेयर लागू हो गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी मनोज द्विवेदी का कहना है कि इससे उपभोक्ताओं समस्याएं कम होंगी।
कंपनी अब तक बिजली कनेक्शन देने के लिए निजी कंपनी का संकल्प सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रही थी। इसमें बिजली के लिए आवेदन करने में काफी दिक्कत आती थी, कई विकल्प भी समझ नहीं आते थे। इधर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर में ऊर्जस सॉफ्टवेयर संचालित होता था। मध्य क्षेत्र की तुलना में पश्चिमी क्षेत्र बिजली कंपनी के उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलती थीं, क्योंकि इस साफ्टवेयर को बिजली कंपनी ने ही तैयार किया था। प्रदेश के हर व्यक्ति को एक समान सुविधा मिल सके, इसलिए ऊर्जस को अपनाया है। इस साफ्टवेयर को लागू करने के लिए करीब एक माह से नए कनेक्शन के आवेदन लंबित थे। अब यह साफ्टवेयर लागू हो गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी मनोज द्विवेदी का कहना है कि इससे उपभोक्ताओं समस्याएं कम होंगी।
आवेदन पर हो सकेगी निगरानी
उपभोक्ता का आवेदन आने के बाद उस पर निगरानी हो सकेगी। जोन कार्यालय में आवेदन को रोका नहीं जा सकेगा। यह बिजली कंपनी द्वारा बनवाया गया सॉफ्टवेयर है, जिसे कंपनी के कर्मचारी ही संचालित करेंगे। इससे रुपये भी बचेंगे। शहर वृत्त में हर माह 250 आवेदन आते हैं। नाम परिवर्तन व लोड वृद्धि के आवेदनों की भी संख्या काफी रहती है।