(लेखक-विद्यावाचस्पति डॉ. अरविन्द प्रेमचंद जैन )
ऐसे ही माता-पिता के सम्मान में आज यानी एक जून 2021 को ग्लोबल पैरेंट्स डे यानी वैश्विक माता-पिता दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने की आधिकारिक घोषणा साल 2012 में यूएन जनरल असेंबली में हुई थी। ये दिन माता-पिता को समर्पित होता है और इस दिन माता-पिता के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है।
वैसे तो माता पिता आदर-सम्मान, पूजन के लिए किसी दिन विशेष के मोहताज नहीं हैं, लेकिन वर्ष में एक दिन माता पिता पूजन दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है।आइये जानते हैं माता पिता पूजन दिवस जिसे मातृ पितृ पूजन दिवस के नाम से भी जाना जाता है,
माता पिता पूजन दिवस
वेलेंटाइन डे उस व्यक्ति के प्रति प्यार, स्नेह, सम्मान और देखभाल का उत्सव है जिसे आप प्यार करते हैं।माता-पिता और एक बच्चे की तुलना में कोई बड़ा और शुद्ध प्रेम संबंध नहीं हो सकता है।सच्चे प्यार और सच्चे वेलेंटाइन को अपने निस्वार्थ रूप में मनाने के लिए, माता-पिता पूजन दिवस वेलेंटाइन डे पर मनाया जाता है।
माता-पिता पूजन दिवस बच्चों के दिल और आत्मा में माता-पिता की सेवा करने की सकारात्मक भावना को प्रेरित करता है।
माता पिता पूजन दिवस छोटे गणपति द्वारा भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा से प्रेरणा लेता है।प्रचलित कथा के अनुसार एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती के दोनों पुत्र गणेश और कार्तिकेय के बीच होड़ लगी कि, कौन बड़ा है? इस बात का निर्णय लेने के लिए शिव-पार्वती जी ने दोनों से कहा कि जो संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा करके सबसे पहले यहां पहुंचेगा, उसी को बड़ा माना जाएगा।
ये बात सुन भगवान कार्तिकेय अपने वाहन मयूर लेकर पृथ्वी की परिक्रमा करने निकल पड़े। लेकिन भगवान गणेश चुपके से एकांत में जाकर बैठ गए और सोचने लगे। कुछ देर बाद वो उठे और झट से माता पार्वती और पिता शिव के पास जाकर हाथ जोड़कर बैठ गए।भगवान गणेश ने दोनों की आज्ञा लेकर अपने माता-पिता को ऊंचे स्थान पर बिठाया, उनके चरणों की पूजा की और परिक्रमा करने लगे। एक-एक कर भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा की। ये सब देख माता -पार्वती ने पूछा: वत्स! ये प्रदक्षिणाएँ क्यों की?
इस पर गणेश ने जवाब दिया “सर्वतीर्थमयी माता, सर्वदेवमय: पिता”, यानी सारी पृथ्वी की परिक्रमा करने से जो पुण्य होता है, वही पुण्य माता-पिता की परिक्रमा करने से हो जाता है।
माता पिता पूजन दिवस का उद्देश्य भारतीय बच्चों में हमारी भारतीय विरासत के सांस्कृतिक मूल्यों के महत्व को उजागर करना है। माता-पिता पूजा दिवस परिवार के बंधन को मजबूत करने और हमारे माता-पिता के लिए आभारी होने के बारे में है जो वे हमारे लिए निस्वार्थ रूप से करते हैं, हमें सच्चे और शुद्ध प्यार का एक उदाहरण देते हैं।
पेरेंट्स वरशिप डे का दिन अपने माता-पिता को विशेष अनुभव करवाकर मनाया जा सकता है।इस दिन उन्हें आराम से बैठाकर, उनके माथे पर तिलक लगाकर और सुंदर फूल चढ़ाते हुए सम्मान और प्यार के साथ माता-पिता पूजन दिवस की शुभकामनाएं देकर और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर मना सकते हैं। साथ ही माता पिता पूजन दिवस के दिन माता-पिता की पूजा करते हुए उनके लंबे और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।
“परमात्मा हमें सुख और दुख दोनों क्षणों के साथ जीवन देता है, लेकिन माता-पिता हमेशा हमें सुखी देखने की कोशिश करते हैं!!” मातृ पितृ पूजन दिवस 2022 की शुभकामनाएं । “हम बड़ा बनने के रास्ते में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अक्सर भूल जाते हैं कि वे भी बूढ़े हो चले हैं” हैप्पी पेरेंट्स वरशिप डे 2022।
माता-पिता पूजन दिवस बच्चों के दिल और आत्मा में माता-पिता की सेवा करने की सकारात्मक भावना को प्रेरित करता है।
माता पिता पूजन दिवस छोटे गणपति द्वारा भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा से प्रेरणा लेता है।प्रचलित कथा के अनुसार एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती के दोनों पुत्र गणेश और कार्तिकेय के बीच होड़ लगी कि, कौन बड़ा है? इस बात का निर्णय लेने के लिए शिव-पार्वती जी ने दोनों से कहा कि जो संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा करके सबसे पहले यहां पहुंचेगा, उसी को बड़ा माना जाएगा।
ये बात सुन भगवान कार्तिकेय अपने वाहन मयूर लेकर पृथ्वी की परिक्रमा करने निकल पड़े। लेकिन भगवान गणेश चुपके से एकांत में जाकर बैठ गए और सोचने लगे। कुछ देर बाद वो उठे और झट से माता पार्वती और पिता शिव के पास जाकर हाथ जोड़कर बैठ गए।भगवान गणेश ने दोनों की आज्ञा लेकर अपने माता-पिता को ऊंचे स्थान पर बिठाया, उनके चरणों की पूजा की और परिक्रमा करने लगे। एक-एक कर भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा की। ये सब देख माता -पार्वती ने पूछा: वत्स! ये प्रदक्षिणाएँ क्यों की?
इस पर गणेश ने जवाब दिया “सर्वतीर्थमयी माता, सर्वदेवमय: पिता”, यानी सारी पृथ्वी की परिक्रमा करने से जो पुण्य होता है, वही पुण्य माता-पिता की परिक्रमा करने से हो जाता है।
माता पिता पूजन दिवस का उद्देश्य भारतीय बच्चों में हमारी भारतीय विरासत के सांस्कृतिक मूल्यों के महत्व को उजागर करना है। माता-पिता पूजा दिवस परिवार के बंधन को मजबूत करने और हमारे माता-पिता के लिए आभारी होने के बारे में है जो वे हमारे लिए निस्वार्थ रूप से करते हैं, हमें सच्चे और शुद्ध प्यार का एक उदाहरण देते हैं।
पेरेंट्स वरशिप डे का दिन अपने माता-पिता को विशेष अनुभव करवाकर मनाया जा सकता है।इस दिन उन्हें आराम से बैठाकर, उनके माथे पर तिलक लगाकर और सुंदर फूल चढ़ाते हुए सम्मान और प्यार के साथ माता-पिता पूजन दिवस की शुभकामनाएं देकर और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर मना सकते हैं। साथ ही माता पिता पूजन दिवस के दिन माता-पिता की पूजा करते हुए उनके लंबे और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।
“परमात्मा हमें सुख और दुख दोनों क्षणों के साथ जीवन देता है, लेकिन माता-पिता हमेशा हमें सुखी देखने की कोशिश करते हैं!!” मातृ पितृ पूजन दिवस 2022 की शुभकामनाएं । “हम बड़ा बनने के रास्ते में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अक्सर भूल जाते हैं कि वे भी बूढ़े हो चले हैं” हैप्पी पेरेंट्स वरशिप डे 2022।