कलयुगी बेटे ने पीट पीट कर ली पिता की जान ,गुपचुप तरीके से करने वाला था अंतिम संस्कार, पुलिस ने रुकवाया

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sadbhawnapaati
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इंदौर । जिस बेटे को पिता ने पाल पोसकर बढ़ा किया उस कलयुगी बेटे ने ही पिता को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। इतना ही नहीं किसी को इसका पता न चले इसलिए उनके अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली थी। ऐन वक्त पर पुलिस को पता चला तो पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया। वहीं बेटे को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने पिता की हत्या करना कबूला।

घटना द्वारकापुरी थाना क्षेत्र की है। मृतक 65 वर्षीय भूरालाल अलावा निवासी श्रीराम नगर है। रविवार देर रात उनकी बेटे सचिन से लड़ाई हो गई थी। दोनों के बीच में मारपीट होती रही। देर रात तक इनके घर से मारपीट की आवाजें आती रहीं। सचिन ने अपने बुजुर्ग पिता के साथ बेरहमी से मारपीट की थी। सोमवार सुबह सचिन एक वाहन में अपने पिता का शव लेकर अंतिम संस्कार करने जा रहा था। आसपास के लोगों ने पूछा तो सचिन ने बताया कि वे कई दिनों से बीमार थे। इसी बीमारी के कारण उनकी मौत हो गई। कुछ लोगों ने शंका होने पर पुलिस को फोन पर इस बात की सूचना दी। द्वारकापुरी पुलिस ने तत्काल वहां पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और पीएम के लिए अस्पताल पहुंचाया।

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द्वारकापुरी टीआई सतीश कुमार द्विवेदी के मुताबिक प्रथम दृष्टया ही मामला संदिग्ध लग रहा था। बुजुर्ग के शव पर चोटों के कई निशान मिले हैं। सचिन से पूछताछ की गई तो पहले तो वह इन चोटों के बारे में अनर्गल बातें करता रहा उसके बाद उसे कहा गया कि जांच में सारी सच्चाई सामने आ जाएगी तो उसने स्वीकार कर लिया कि मैंने ही पिता के साथ जमकर मारपीट की थी उसके बाद वह गिर गए तब मैंने सोचा कि वे बेहोश हो गए हैं। कुछ देर बाद चेक किया तो उनकी सांसे थम गई थीं। उसके बाद उसने शव का सोमवार को अंतिम संस्कार कर पुलिस से बचने का प्लान बनाया था।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।