कमलनाथ का ऐलान पत्रकारों की सुरक्षा के लिए लाएंगे कानून

sadbhawnapaati
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धार्मिक-सामाजिक आयोजनों में हादसों को रोकने के लिए भी बनेगी नीति
Mp News in Hindi। मध्यप्रदेश में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसको देखते हुए भाजपा सहित सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। सभी राजनीतिक दल अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हुए हैं। एक तरफ प्रदेश की शिवराज सरकार कई बड़े ऐलान करके सभी दलों को साधने की कोशिश कर रही है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं।
इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा या कांग्रेस ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी भी मैदान में आ गई है। अभी कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भोपाल से अपने चुनाव प्रचार का शंखनाद किया था और मध्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बड़ा ऐलान किया है। कमलनाथ ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आते ही हम पत्रकार सुरक्षा कानून लाएंगे। कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस आयोजनों में हादसों को रोकने के लिए एक कांग्रेस एक कानून लाएगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, हाल ही में पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने भी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया है। बुधवार को नर्मदापुरम के पिपरिया दौरे पर पहुंचे कमलनाथ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने पत्रकार सुरक्षा कानून लाने का ऐलान किया है।
कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश में धार्मिक, सामाजिक और लोकमहत्व के कार्यक्रमों के आयोजन के पूर्व उनका सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा एक कानून भी लाया जाएगा। जिसमें आयोजनों के विभिन्न पहलुओं को समायोजित किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि धार्मिक, सामाजिक और लोक महत्व के आयोजनों में किसी भी संभावित हादसे को रोकने के लिए कांग्रेस कानून लाएगी। उन्होने कहा कि सेफ्टी ऑडिट और कम्युनिटी इमरजेंसी रिस्पांस टीम का गठन किया जाएगा साथ ही आम लोगों की राय भी ली जाएगी और उस आधार पर वर्गीकरण होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीते दिनों इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हृदय विदारक दुर्घटना में 36 श्रद्धालुओं की जान चली गई। यह पहला अवसर नहीं है जब किसी धार्मिक या सार्वजनिक आयोजनों में इस प्रकार की दुखद घटना हुई हों।
इसके पहले भी मध्य प्रदेश मेंह 13 अक्टूबर 2013 को रतनगढ़ माता मंदिर में मची भगदड़ से 117 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। ज्योंतिर्लिंग ओंकारेश्वर पुल पर भगदड़ में 20 मौतें हुई और हाल ही में रुद्धाक्ष महोत्सव में सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ से से अव्यवस्थाएं उत्पन्न हुईं।
कमलनाथ ने कहा कि हम इस बात की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में बनने पर हम समूचे प्रदेश में धार्मिक, सामाजिक और लोकमहत्व के जितने भी कार्यक्रम होंगे, उनको वर्गीकृत करके आयोजन के पूर्व उनका सेफ़्टी ऑडिट अनिवार्य करेंगे, ताकि ऐसे आयोजन व्यापक रूप से पूरे उत्साह से मनाये जा सकें और किसी तरह की दुर्घटना की आशंका न रहे।
उन्होने कहा कि इन आयोजनों को आमजनों की सहभागिता के आधार पर वर्गीकृत किया जायेगा। एक हजार से पांच हजार, पांच हजार से पचास हजार, पचास हजार से एक लाख और एक लाख से अधिक लोगाें के किसी आयोजन में शामिल होने के पूर्व उस स्थल का व्यापक रूप से सेफ़्टी और सिक्योरिटी ऑडिट किया जायेगा। इसके लिए बाकायदा एक कानून लाया जायेगा जिसमें आयोजनों के विभिन्न पहलुओं को समायोजित किया
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