ज्ञान, तपस्या और बलिदान यही विद्यार्थी जीवन का मूल मूल्य : मंत्री सुश्री ठाकुर

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इन्दौर। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि ज्ञान, तपस्या और बलिदान यही विद्यार्थी जीवन का मूल मूल्य है। आप सभी खूब पढ़ो, मेहनत करो और देश की उन्नति में भागीदार बनो।
मंत्री सुश्री ठाकुर प्रतिज्ञा आईएएस अकादमी एमपी नगर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के सेमिनार को संबोधित कर रही थी।
मंत्री सुश्री ठाकुर ने युवाओं को वैदिक जीवन पद्धति अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में वैदिक जीवन पद्धति स्वस्थ और खुशहाल जीवन का आधार थी।
मिट्टी के घर आज के कंक्रीट के घर से ज्यादा उपयोगी और स्वस्थवर्धक है। वर्तमान में भी वैज्ञानिक आधार पर इसकी पुष्टि की गई है। वैदिक जीवन पद्धति की छोटी-छोटी बातों को अपने जीवन में उतारें और देश की गौरवमयी संस्कृति की उन्नति और संरक्षण में योगदान दें।
यही सच्ची देश-भक्ति है। मंत्री सुश्री ठाकुर ने “देश की स्वाधीनता पर आँच तुम आने न देना” कविता सुनाकर युवाओं का उत्साहवर्धन भी किया।

ज्ञान, तपस्या और बलिदान यही विद्यार्थी जीवन का मूल मूल्य : मंत्री सुश्री ठाकुर

मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि युवाओं में भारत और भारतीयता के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए। समाज के गरीब, कमजोर और शोषित वर्ग की सहायता करें। दुखियों का दुख दूर करें। यही राष्ट्र की सबसे बड़ी सेवा और मानव-जीवन का सबसे बड़ा आदर्श है।
मंत्री सुश्री ठाकुर ने युवाओं से अपने घर की बैठकों में महापुरुष और क्रांतिकारियों के चित्र लगाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा यह चित्र घर के सदस्यों में राष्ट्रीयता के चित्त का निर्माण करेगा। अकादमी द्वारा मंत्री सुश्री ठाकुर का शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।
अकादमी के संस्थापक और डायरेक्टर डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय ने बताया कि प्रतिज्ञा आईएएस अकादमी का संचालन प्रतिज्ञा समाज सेवा-कल्याण समिति द्वारा किया जाता है।
यहाँ युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी करवाई जाती है। अकादमी से तैयारी कर बड़ी संख्या में युवा शासकीय क्षेत्र में चयनित हो चुके हैं। सेमिनार में अकादमी के शिक्षक सहित बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।