मन का बोला मोर, मै ही बनूँगा महापौर 

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
4 Min Read

दोनों और चुप्पी : बड़े नेताओं की खामोशी राजनीतिक पंडितों के समीकरण बिगाड़ रही

इंदौर नगर निगम माना जाए तो राज्य के एक छोटे विभाग के बराबर. जिसका बजट 7000 करोड़ के लगभग ।

यहां का महापौर 85 वार्डों,  5 शहरी विधानसभाओं, एक संसदीय क्षेत्र का नेता होकर किसी मंत्री के बराबर वजूद रखता है । प्रदेश में किसी भी पार्टी के लिए आर्थिक पूर्ति का बड़ा जरिया होता है इंदौर नगर निगम जहां अपने लोगों को काम देकर एडजस्ट किया जाता है ।

कांग्रेस के लिए संजय शुक्ला एक साफ छवि के, आर्थिक रूप से सक्षम, वर्तमान विधायक, होकर एक अच्छे कैंडिडेट हैं।  वही पुष्यमित्र भार्गव पब्लिक फेस ना होकर पढ़े लिखे प्रत्याशी के रूप में प्रचलित हो रहे हैं ।

विधानसभा चुनावों के पहले से ही संजय शुक्ला कहीं शिवलिंग वितरण, कहीं धार्मिक यात्राओं का आयोजन, तो कोविड़ के समय मदद, कहीं ना कहीं जनता से जुड़े रहने का कार्य करते दिख रहे हैं ।

वही बीजेपी और आर एस एस के लिए मजबूत वकालत करने वाले पुष्यमित्र चुनावी दौड़ में पहली बार दौड़ते नजर आ रहे हैं ।

विगत वर्षों का इतिहास देखा जाए तो इंदौर भाजपा का गढ़ दिखता है पर बड़े-बड़े राजनीतिक गढ़ों में भी सेंध लगने का इतिहास हमे भूलाना नहीं चाहिए ।

यह पहला चुनाव है जहां दोनों ही दलों के बड़े नेता हाथ पर रात हाथ रखकर बैठे दिखाई दे रहे है, चेहरे के सामने आने पर बहुत एक्टिव और दूर हटते ही डीएक्टिव हो रहे हैं । दोनों दलों के बड़े नेताओं की इस चुप्पी पर राजनैतिक पंडितों के समीकरण सही बैठते दिख नहीं रहे है, अपने-अपने समीकरणों को पुख्ता मानने वाले ज्ञानी भी इस बार पत्ते खोलने में चमक रहे हैं ।

पीली गैंग के नाम से मशहूर इंदौर नगर निगम की टीम को लेकर जहां कांग्रेस लगातार वीडियो वायरल कर रही हैं, पुष्पमित्र को इस संदर्भ में बोलते देखा नहीं गया, टैक्स कम करने की बात हो या अवैध निर्माणों को बिना सुने तोड़ने की बात पर, सबके मित्र पुष्यमित्र के विचार जनता के सामने आना आवश्यक है ।
सबके मित्र पुष्यमित्र को सबका मित्र बनकर दिखाना होगा जो कि वायरल वीडियो में दिखाई नहीं देता उधर संजय बाबू को भी समझना होगा की जनता सिर्फ मीठे बोल और हंसी से ही वश में नहीं आएगी । indore mayor candidate bjp pushyamitra bhargava and congress candidate sanjay shukla

सदभावना पाती अखबार टीम की नजर शहर के कोने कोने पर है, जहां से आज के हालात में चुनाव किसी एक पक्ष में होते नहीं दिख रहा ।

जनता से बातचीत अनुसार किसी पक्ष को अधिकारियों का साथ तो किसी पक्ष को बड़े नेताओं का निर्देश इस चुनाव में दिखाई दे रहा है।

                                                   अगली कड़ी में वार्डों की स्थितियों से परिचय होगा..…. 
Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।