इंदौर में मानसून कमजोर , बारिश के लिए करना होगा इंतजार

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sadbhawnapaati
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इंदौर. मानसून की दस्तक के बाद दो दिन हुई बारिश से भी उमस से राहत नहीं मिल पाई है। सोमवार को एक वार फिर मानसून की बेरुखी नजर आई। सूरज और वादलों के बीच दिनभर लुकाछुपी का खेल चलता रहा, घटाएं भी छाई, पर बारिश नहीं हुई। सोमवार को भी शहरवासियों को उमस का सामना करना पड़ा। हालांकि सूरज डलने के बाद मौसम में हल्की ठंडक महसूस हुई।
18 जून को शहर में मानसून ने चोरीछुपे दस्तक दे दी है। मानसून के प्रवेश के बाद दो दिन शहर में बारिश भी हुई, लेकिन तीसरे दिन एक बार फिर लोगों को उमसभरी गर्मी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून सक्रिय तो है लेकिन कमजोर होने के कारण बारिश नहीं हो रही है। आने वाले दिनों में बौछारें होती रहेगी, जबकि अच्छी बारिश के लिए करीब 10 दिन और इंतजार करना होगा। मौसम विज्ञानी ने बताया 24 जून से 5 जुलाई तक बंगाल की खाड़ी व अरब सागर में मानसून का कोई भी प्रभावशाली सिस्टम नहीं बन पा रहा है। इस कारण बारिश का दौर कुछ समय के लिए थमेगा और उमस बढ़ेगी।

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मौसम विभाग के मुताबिक शहर के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र में बारिश के आंकड़ों में बड़ा अंतर है। पूर्वी क्षेत्र में एक जून से अब तक बारिश ने 9 इंच के आंकड़े को पार कर लिया है। पश्चिमी क्षेत्र में अभी पौने दो इंच ही बारिश हुई है। विभाग ने संभावना जताई है कि आने वाले दो दिनों तक बौछारों का दौर जारी रहेगा। सोमवार को शहर का अधिकतम तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया।
पांच माह होगी बारिश : मौसम विज्ञानी के मुताबिक ठंड का मौसम 15 दिन पहले खत्म होने और गर्मी के कम असर के कारण इस बार बारिश अक्टूबर माह तक होगी। मई के पहले व दूसरे सप्ताह में ही तापमान में उछाल देखने को मिला। मई के आखिरी सप्ताह से बारिश शुरू हुई। इससे स्पष्ट है कि ऋतु चक्र प्रभावित हुआ है। ऐसे में इस बार मानसून सीजन चार माह के बजाए पांच माह का होगा।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।