एमपी गजब है : पागल कुत्ते के काटने से भैंस की मौत,उसके दूध से बना रायता खाने वाले एंटी-रैबीज वैक्सीन लगाने दौड़े

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sadbhawnapaati
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ग्वालियर जिले के डबरा के चांदपुर में एक अजब-गजब मामला सामने आया हैं।
यहां एक भैंस की पागल कुत्ते के काटने से मौत हो गई, जिसके बाद भैंस के दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करने वाले लोग एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंच गए।  

जानकारी के अनुसार चांदपुर में एक भैंस को कुछ दिनों पहले पागल कुत्ते ने काट लिया था।

भैंस की मौत से ठीक पहले उसके दूध से दही और छांछ बनाया गया था, जिसे भैंस मालिक ने गांव में आयोजित एक मृत्युभोज में रायता बनाने के लिए दे दिया। बड़ी संख्या में ग्रामीण मृत्युभोज में शामिल हुए थे।
लोगों ने रायता भी खाया था, कुछ समय बाद लोगों को जानकारी मिली की भैंस मर गई है और जो रायता उन लोगों ने खाया है वो उसी भैंस के दूध से बनी छाछ का है, जिसे पागल कुत्ते ने काटा था।
ये खबर मिलते ही लोगों में हड़कंप मच गया और वे सभी आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे और एंटी रैबीज का टीका लगाने की मांग करने लगे। ग्रामीणों में जहर फैल जाने की दहशत मची हुई थी।

रैबीज के डर से कई ग्रामीणों ने सिविल अस्पताल जाकर पर्चा कटाया और एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाया वहीं जो लोग छूट गए उन्हें अस्पताल ने अगले दिन इंजेक्शन लगाने की बात कही है। 

वहीं, जिन लोगों ने रायता खाया था, वे भैंस मालिक को कोस रहे थे। उनका कहना था कि जब भैंस को कुत्ते ने काट लिया था तो उसके दूध का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।