जानकारी के अनुसार कपिल दुबे समेत अन्य किसानों ने उनकी आय दोगुनी करने के नाम पर धोखाधड़ी करने की शिकायत दी थी।
इसमें आरोप गुड़गांव की प्रोडक्शन कंपनी के संचालक बिजेन्द्र कश्यप एवं उनके सहायक संचालक/प्रमोटर धर्मेन्द्र ठाकुर, प्रह्लाद शर्मा और मनोज कटारे के ऊपर लगाए गए थे। आवेदन के अनुसार आरोपियों ने 2019 में किसानों से षड्यंत्रपूर्वक धोखाधड़ी की।
इस मामले में भोपाल क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर ब्रिजेन्द्र कश्यप और विनय शर्मा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में प्रहलाद शर्मा और उसका बेटा शुभम शर्मा फरार थे।
फरार आरोपी प्रहलाद शर्मा को क्राइम ब्रांच की टीम ने मुखबिर की सूचना पर कोहेफिजा क्षेत्र से पकड़ा लिया। उसने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
जिसके बदले में किसानों को कंपनी 37,500/- रुपये प्रति माह टीडीएस एव अन्य खर्चे काटकर देगी। कम्पनी तालाब खुदवाकर उसके चारों तरफ जाली लगवाएगी, सीसीटीवी कैमरा लगवाएगी, मछली बीज उपलब्ध काराएगी एवं मछली के दाना-पानी की व्यवस्था कराएगी।
सिक्योरिटी मनी के प्राप्त होने के तीन दिन के अंदर मछली पालन कार्य प्रारंभ कर देगी। इस तरह पूरा प्लान बताकर किसानों से उनके बिजनेस में पार्टनर बनने के लिए पैसा लगाने का लालच देते थे।
इसमें लिए किसानों को 5-5 लाख और 11-11 लाख रुपए की फर्जी स्कीम के माध्यम से पैसे वसूल लेते। जिसके बाद उनसे पैसा ठग लेते थे।
इसके बाद जब किसानों को उनके हिस्से की राशि नहीं मिलने पर आरोपी को फोन लगाते तो पहले तो वह टालमटोली करते और बाद में फोन उठाना ही बंद कर देते।
इस तरह आरोपियों ने किसानों से करोड़ों रुपए की ठगी क है। फिलहाल क्राइम ब्रांच आरोपियों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।