मुख्यमंत्री के सवालों से मध्य प्रदेश के आला अफसर भी चक्कर में पड़ गए. नये साल में नये तीखे तेवर में दिखे सीएम के ये सवाल इतने तीखे थे कि उनका जवाब देने में अफसरों के पसीने छूट गए. मुख्यमंत्री ने सीधे सीधे पूछ लिया कि एक फाइल कितने दिन में निपटाते हैं और कर्मचारियों की अलमारी चेक की जा रही है या नहीं.
अफसर रह गए हक्का-बक्का
शुरुआत हुई गृह विभाग की बैठक से. मुख्यमंत्री शिवराज ने पीएचक्यू में पदस्थ आईपीएस अफसरों के मैदानी दौरे को लेकर सवाल पूछा. मुख्यमंत्री ने कहा- ब्यौरा रखें. मैदानी अफसरों की कानून संबंधी ट्रेनिंग कब से नहीं हुई है. सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स में 16 इंडिकेटर गृह विभाग से संबंधित हैं. इनकी रेटिंग इतनी कम क्यों हुई. इसके सुधार के लिए क्या काम किए गए. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्राइम घटाने और सुलझाने के लिए फॉरेंसिक साइंस का कितना इस्तेमाल हुआ. और इसका कितना लाभ हुआ. सीएम यहीं रुके. उसके बाद उन्होंने सवाल दागा अब तक विभाग ने कितने जनसंवाद कार्यक्रम किये. ऑफिस केंद्रीकृत डाक व्यवस्था, आईटी ट्रेनिंग, महिला ऊर्जा डेस्क, साइबर सुरक्षा और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल की क्या स्थिति है. गृह विभाग से जुड़े तमाम सवालों पर मुख्यमंत्री के तेवर देख अफसरों के होश उड़ गए.
सवालों की झड़ी
दरअसल प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बीते दिनों केंद्र की कई रिपोर्ट ने सवाल खड़े किए थे. मुख्यमंत्री की सख्ती उसी का असर थी. मुख्यमंत्री ने कहा मध्य प्रदेश को मॉडल राज्य बनाना है. री डेंसिफिकेशन की प्रक्रिया को तेज किया जाए. आपदा प्रबंधन मजबूत हो. लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था ठीक करने में सीनियर अफसरों की भी मदद ली जाए. साइबर क्राइम, नक्सलवाद, ड्रग्स जैसे अपराध रोकने के लिए कदम उठाए जाएं. जिलों की रैंकिंग के लिए भी कदम उठाए जाएं. पुलिसकर्मियों को फिटनेस पर ध्यान देना होगा. आइडियल थाने बनाए जाएं और पुलिस में हर साल भर्ती की जाए.
कितने दिन में निपटती है एक फाइल
गृह विभाग के बाद बारी आयी सामान्य प्रशासन विभाग की. शिवराज सिंह ने अफसरों से पूछा मंत्रालय में फाइल पेंडिंग रहने का मैकेनिज्म क्या है. एक फ़ाइल औसतन कितने दिन में निपट जाती है. ACS, PS जीएडी, कितनी बार मंत्रालयों में सरप्राइस विजिट कर रहे हैं. मैदानी स्तर के अफसरों की डायरी बन रही है या नहीं. रात्रि विश्राम का स्टेटस क्या है. कर्मचारियों की अलमारी चेक कर रहे हैं या यह प्रथा बंद हो गई है. कितनी फाइल कहां पर पेंडिंग हैं पता लगा रहे हैं या नहीं. सरकारी ईमेल का कितना इस्तेमाल हो रहा है. मैदानी दफ्तरों का इंस्पेक्शन स्टेटस क्या है.
कैसे बनेगी मॉडल जेल
सीएम ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई कि जिन अफसरों के खिलाफ जांच चल रही है उनके खिलाफ सही समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती. विभाग का डिजिटलाइजेशन जल्दी किया जाए. जेल विभाग की समीक्षा बैठक में शिवराज सिंह ने मॉडल जेल मैनुअल का प्लान बनाने पर भी सवाल पूछा. जेल में मोबाइल पहुंचने की घटनाएं रोकने और जेल में स्वरोजगार के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए.
सबकी आयी बारी
-मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग की समीक्षा बैठक में कहा बजट बनाने से पहले आम लोगों से सुझाव लिए जाएं.
-श्रम विभाग की बैठक में भी मुख्यमंत्री ने कहा लेबर्स के लिए बने स्कूल सुपर 30 की तरह आईटीआई चलें.
-श्रम विभाग की बैठक में पूछा कि संबल योजना के लिए पैकेजिंग की क्या तैयारी है. श्रमोदय विद्यालय कैसे चल रहे हैं. क्या इंडस्ट्री और लेबर विभाग आपस में चर्चा कर रहे हैं.
नर्मदा तट के लिए नया मॉडल
सीएम शिवराज ने आध्यात्म विभाग की बैठक में कहा नर्मदा तट के जिलों के कलेक्टर को जोड़कर एक नया मॉडल बनाया जाए. नर्मदा जयंती की शिवरात्रि पर लगने वाले मेले उत्सव के रूप में आयोजित हों. कोविड-19 खत्म होने पर तीर्थ दर्शन योजना को शुरू किया जाएगा. प्रदेश में 14 से 28 जनवरी तक आनंद उत्सव के आयोजन होंगे. मुख्यमंत्री ने अफसरों से सवाल पूछा कि आनंदम केंद्र चलाने के लिए क्या किया गया. मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए क्या क्या प्रयास हुए.
अफसरों को आइना
मुख्यमंत्री ने वन विभाग और वाणिज्य कर विभाग की बैठक में भी अफसरों से सवाल पूछ कर उनके कामकाज का आइना दिखाने की कोशिश की.
कर्मचारी आयोग का हो तत्काल गठन
सीएम शिवराज चौहान ने कर्मचारी आयोग का गठन तत्काल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रिक्त पदों पर भर्ती शासन के व्यवस्थित संचालन के लिए आवश्यक है। अतः रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रतिवर्ष संचालित हो। बैकलॉग के जितने भी पद हैं उन पर भर्ती की प्रक्रिया वर्ष 2022 में आरंभ की जाए। विभागीय जाँच की अधिकतम समय-सीमा तय की जाए। विभागीय जाँचों में हो रहे विलंब को रोकने के लिए IT का उपयोग किया जाए। शासकीय कार्य के लिए शासकीय ई-मेल का ही उपयोग हो।