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News – 1
प्रमोशन में आरक्षण के मामले को पेचीदा बना कर पदोन्नति में रोड़ा बन रही है सरकार – अजय सिंह यादव

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजयसिंह यादव ने कहा कि मप्र में हजारों अधिकारी कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर्ड हो गए इसके लिए मप्र की भाजपा सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि अब न्यायालय द्वारा नियमों के साथ प्रमोशन करने का निर्देश दिया गया है। सरकार गतिरोध दूर करने की बजाय मामले को और ज्यादा पेचीदा कर प्रमोशन प्रक्रिया को उलझा रही है।
सरकार द्वारा मंत्रिमंडलीय समिति बनाकर महज एक खानापूर्ति कर इतिश्री कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठनों से निष्कर्ष निकालने के लिए कहा जा रहा है, जबकि सरकार की जवाबदारी है कि सभी संगठनों के हितों का संरक्षण करते हुए प्रमोशन का रास्ता खोले और सभी वर्गों को संतुष्ट करें।
ताकि मध्य प्रदेश के हजारों, लाखों कर्मचारियों, अधिकारियों को उनका जायज हक मिल सके और उनके साथ न्याय हो सके। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारी विरोधी है सरकार है इसलिए अधिकारी कर्मचारियों के प्रमोशन में रोड़ा अटका रही है।
News – 2
स्कूलों की मान्यता की अंतिम तिथि आज

भोपाल। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अंतर्गत प्राइवेट स्कूलों की मान्यता एवं मान्यता नवीनीकरण के लिये ऑनलाइन आवेदन गुरूवार 10 फरवरी निर्धारित अंतिम तिथि तक किए जा सकेंगे।
मोबाइल एप से मान्यता आवेदन करते समय प्रायवेट स्कूल को, आरटीई के मापदंडों की पूर्ति के लिए शाला में आवश्यक अधोसंरचना, कार्यरत शिक्षकों तथा स्कूल में आवश्यक संसाधनों की जीईओ टेग फोटो संलग्न करना अनिवार्य है।
मोबाइल एप के माध्यम से सहज एवं साक्ष्य आधारित मान्यता आवेदन करने तथा मान्यता आवेदनों के निराकरण की व्यवस्था की गई है।
आरटीई एक्ट के अनुसार उपलब्ध मानकों की पूर्ति करने वाले अशासकीय स्कूल की मान्यता जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा 03 वर्ष के लिये जारी की जाएगी।
इसी प्रकार बीआरसीसी द्वारा स्कूल का भौतिक सत्यापन कर निरीक्षण रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करने की समय सीमा अशासकीय स्कूल द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने के 15 कार्यदिवस के अंदर निर्धारित की गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मान्यता आवेदन के प्रकरणों का निराकरण की समय सीमा 45 कार्य दिवस है। इनके अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मान्यता आवेदन निरस्ती दिनांक से 45 कार्य दिवस तक संबंधित अशासकीय स्कूल कलेक्टर के समक्ष अपील कर सकते हैं।
कलेक्टर द्वारा अपीलीय आवेदनों का निराकरण स्कूल के आवेदन प्राप्ति के 15 दिवस तक किया जाएगा। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने आवेदन करने में सुविधा की दृष्टि से समय सारिणी के साथ ही विस्तृत निर्देश भी पत्र में दिए हैं।
News – 3
शिक्षा मंत्री का बयान पर यू-टर्न, अगले शिक्षण सत्र से यूनिफॉर्म कोड नहीं लागू होगा

भोपाल। मध्यप्रदेश में अगले शिक्षण सत्र से यूनिफॉर्म कोड नहीं लागू होगा। हिजाब विवाद को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बयान को संशोधित कर कहा कि कल मेरे द्वारा स्कूलों में गणवेश को लेकर बयान जारी किया गया था।
मेरा बयान स्कूलों में समानता, अनुशासन और स्कूलों की पहचान को लेकर था,इस कारण यूनिफॉर्म कोड लागू करने का विषय बोला था।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उसका गलत अर्थ और संदर्भ निकालकर रखा है मैं उसका खंडन करता हूं। फिलहाल हम नया यूनिफॉर्म कोड लागू नहीं करने वाले हैं, और न ही उस पर कोई काम हो रहा है।
परंपरागत रूप से जो व्यवस्था चल रही है स्कूलों में गणवेश को लेकर वही व्यवस्था लागू रहेगी।
वहीं प्रदेश के स्कूलों में हिजाब बैन करने के स्कूल शिक्षा मंत्री परमार के बयान पर शिवराज सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया।गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने साफ कहा कि प्रदेश में हिजाब को लेकर कोई विवाद नहीं है।
हिजाब को बैन करने को लेकर कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं हैं। इस कारण किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं रहे।
दरअसल कर्नाटक में हिजाब को लेकर मचे बवाल के बाद प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री परमार ने प्रदेश में स्कूलों में हिजाब बैन करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि स्कूलों में समानता और एकरूपता बनाए रखने के लिए ड्रेस कोड लागू करने जा रहे है। अगले सत्र से प्रदेश के स्कूलों में ड्रेस कोड लागू होगा। स्कूल शिक्षा मंत्री ने साफ कहा कि जिस परंपरा में लोग निवास करते हैं उसका वह अपने घरों तक में ही पालन करें और स्कूल में ड्रेस कोड आए। स्कूलों में अनुशासन बनाए रखने के लिए जिस स्कूल का यूनिफॉर्म तय किया गया है।