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सुहास भगत की विरासत संभालेंगे हितानंद शर्मा, जानिए 2023 से पहले संगठन में बदलाव के क्या हैं मायने ?
भोपाल. हितानंद शर्मा (Hitanand Sharma) मध्य प्रदेश बीजेपी के नये संगठन महामंत्री होंगे. वो सुहास भगत (Suhas Bhagat) की जगह संभालेंगे जिन्हें हाल ही में संगठन से वापस संघ में भेज दिया गया है. राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने शर्मा की नियुक्ति का आदेश पत्र जारी कर दिया है.
मध्य प्रदेश बीजेपी में संगठन स्तर पर सुहास भगत की विरासत हितानंद शर्मा संभालने जा रहे हैं. उनके प्रदेश संगठन महामंत्री बनने की अटकलें कई दिन से लगायी जा रही थीं. आज इसका आदेश भी जारी हो गया. वो अभी प्रदेश संगठन में सह संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और सुहास भगत के साथ संगठन की रणनीतिक रूपरेखा बनाते थे. यूपी चुनाव में भी उनका अहम रोल रहा.
कौन हैं हितानंद शर्मा
सुहास भगत की संघ में वापसी के बाद शर्मा को प्रदेश संगठन महामंत्री के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी मिली है. वो मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के रहने वाले हैं और संघ के सहायक संगठन विद्या भारती में लंबे समय तक रहे हैं. एमपी बीजेपी में उनकी एंट्री कोरोना काल के दौरान हुई थी. कमलनाथ सरकार गिरने के बाद उन्हें बीजेपी में सह संगठन महामंत्री नियुक्त किया गया था. हितानंद के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2023 के विधान सभा चुनाव हैं.
सुहास भगत की नई भूमिका
सुहास भगत मध्य प्रदेश बीजेपी में संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी काफी वक्त से निभा रहे थे. अब उन्हें संघ में बौद्धिक प्रमुख बनाया गया है. अब तक सह संगठन महामंत्री रहे हितानंद शर्मा को उनकी जगह महामंत्री बनाया गया है. सुहास भगत को साल 2016 में संघ से बीजेपी में भेजा गया था. उस समय संगठन और सत्ता में समन्वय की कमी मानी जाती थी. भगत ने नयी पीढ़ी की भाजपा बनाने में अहम योगदान दिया. मध्य प्रदेश को देश का पहला राज्य बनाया जहां पर सभी मण्डल अध्यक्ष 40 साल से कम उम्र के हैं. महानगरों में युवाओं को ज़िला अध्यक्ष नियुक्त करने में बड़ी भूमिका सुहास भगत की मानी जाती है. संगठनात्मक नियुक्तियों में विधायकों के एकाधिकार को कम करने के साथ सिंधिया गुट के साथ समन्वय बनाने में भी उनकी अहम भूमिका रही है.
हितानंद के सामने 2023 की चुनौती
हितानंद शर्मा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अगले साल 2023 में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव हैं. सुहास भगत के प्रदेश संगठन महामंत्री रहते बीजेपी संगठन काफी मजबूत हुआ है और उसकी राष्ट्रीय स्तर पर भी तारीफ की गई. हितानंद के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2023 में संगठन के बीच समन्वय बनाते हुए चुनावी रणनीति तैयार करना रहेगा. सिंधिया खेमे के नेताओं के साथ समन्वय करना भी आसान नहीं होगा. ऐसे में देखना होगा सुहास भगत ने जो विरासत बीजेपी में छोड़ी है उसे हितानंद शर्मा कितना आगे लेकर जा पाते हैं ?
MP News – 3
MP पुलिस में प्रायवेट एजेंसी की एंट्री, पब्लिसिटी का जिम्मा संभालने के साथ पुलिस-नागरिकों के बीच कड़ी बनेगी

मध्य प्रदेश सरकार की उपलब्धियों के लिए जिस तरह प्रायवेट जनसंपर्क एजेंसी की सेवाएं ली गई हैं जिसमें सोशल मीडिया टीम भी शामिल है, उसी तरह अब मध्य प्रदेश पुलिस के लिए प्रायवेट एजेंसी की सेवाएं लने का फैसला हुआ है। सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर प्रायवेट जनसंपर्क एजेंसी की सेवाएं लेने पर स्वीकृति दे दी है। निजी जनसंपर्क एजेंसी की सेवाएं लेने के पीछे उद्देश्य यह बताया जा रहा है कि एजेंसी पुलिस की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाएगी। इसके अलावा पुलिस व जनता के बीच सहभागिता को सुदृढ़ करने का जिम्मा भी एजेंसी को दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि अभी मध्य प्रदेश पुलिस की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकारी जनसंपर्क विभाग के पास है जिसके एक अधिकारी की पुलिस मुख्यालय में प्रतिनियुक्ति होती है। सामुदायिक पुलिसिंग में जिला पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसमें पुलिस और नागरिकों के बीच अच्छे संबंधों की दिशा में काम किया जाता है। निजी जनसंपर्क एजेंसी की सेवाएं लेने के बाद जनसंपर्क विभाग भूमिका गृह विभाग तक सिमट सकती है।