मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी की घोषणा होने के 24 घंटे भी नहीं बीते और विवाद शुरू हो गया है। महामंत्री बनाई गईं सोनिया अतुल शुक्ला ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वे 15 साल पहले इस पद पर थीं और फिलहाल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। उधर, संगठन की प्रदेश अध्यक्ष डा. अर्चना जायसवाल ने सूची को रोक लिया है।
अब दावे-आपत्ति का निराकरण करके दस दिन बाद नियुक्ति पत्र प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यक्रम आयोजित करके दिए जाएंगे। उधर, भाजपा ने इसे कांग्रेस के भीतर बगावत करार दिया। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष डा.अर्चना जायसवाल ने शनिवार को प्रदेश कार्यकारिणी, जिला व शहर अध्यक्षों की घोषणा की थी। इसमें पहली बार सह सचिव पद निर्मित करके नियुक्ति की गई। हालांकि 24 घंटे के भीतर ही इंदौर की सोनिया अतुल शुक्ला ने महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
उनकी इंटरनेट मीडिया पर इस्तीफा देने संबंधी पोस्ट को लेकर भाजपा प्रवक्ता डा. हितेष वाजपेयी ने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’नाथ साहब। मध्य प्रदेश कांग्रेस में भी बगावत हो गई। वहीं, उमेश शर्मा ने ट्वीट किया कि दिग्विजय सिंह समर्थक सोनिया शुक्ला ने इस्तीफा दिया तो कमलनाथ समर्थक डॉ. अर्चना जायसवाल ने पूरी कार्यकारिणी ही रोक दी।
उधर, डा. जायसवाल ने बताया कि केंद्रीय संगठन ने प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की सूची का अनुमोदन कर दिया है। हमने अभी किसी को नियुक्ति पत्र नहीं दिए हैं। सूची फिलहाल रोकी है। दस दिन दावे-आपत्ति के लिए रखे हैं। इसमें जिसे भी अपनी बात रखनी है, वो रख सकता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के साथ चर्चा करके उनका निराकरण किया जाएगा। इसके बाद कार्यक्रम करके नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।