बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं, कमलनाथ के इस बयान पर बीजेपी ने उन पर निशाना साधा है. पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि कमलनाथ हमेशा इस तरह के बयान देते रहते हैं. इससे पहले भी उन्होंने हनीट्रैप मामले पर कहा था कि उनके पास इस मामले की पूरी पेन ड्राइव है. लेकिन जब इसकी जांच कर रही एसआईटी ने उनसे उस पेन ड्राइव के बारे में जानकारी हासिल करनी चाही तो उन्होंने कह दिया कि वो दरअसल मजाक कर रहे थे. पाराशर की मानें तो कमलनाथ की बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने दिसंबर 2019 में पेगासस के जरिए कुछ व्यक्तियों पर कथित जासूसी का मुद्दा पहले ही उठाया था। आगे कहा कि मैं एक नक्सली से दूसरे को लिखे पत्र में बताए गए उस नंबर पर व्हाट्सऐप पर नहीं हूं, जिसमें पुणे में मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात रही कि मैंने काफी समय पहले उस फोन (नंबर) का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था, इसलिए मुझे फंसाया नहीं जा सकता।
क्या है यह पूरा मामला?
दरअसल 10 देशों के मीडिया समूह के कई पत्रकारों ने मिलकर एक खुलासा किया है जिसके तहत यह बात सामने आई है कि इजरायली कंपनी एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए दुनिया भर की सरकारों ने नेताओं, मंत्रियों, जजों, पत्रकारों और प्रभावशाली लोगों की जासूसी कराई है. फ्रांस की एक संस्था ने इस बारे में जानकारी जुटाई है कि इजरायली जासूसी नेटवर्क का इस्तेमाल भारत में भी किया गया था. भारत में जासूसी का शिकार हुए लोगों की संख्या करीब 40 है. हालांकि जासूसी किसने कराई इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है.
